भोपाल त्रासदी : डॉउ कैमिकल्स को पेश करने होंगे अधिग्रहण दस्तावेज
न्यायालय ने कहा कि इसके पेश होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। इस दस्तावेज को पेश करने की समयसीमा 30 सितम्बर तय की गई है, जबकि इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।
गौरतलब है कि दो-तीन दिसम्बर 1984 को हुई भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोगों की जान चली गई थी तथा लाखों की संख्या में लोग विस्थापित हुए थे। इस हादसे के बाद से हजारों टन खतरनाक जहरीले अपशिष्ट पदार्थ अब भी यूनियन कार्बाइड परिसर में पड़ा है जो पर्यावरणीय समस्याओं का कारक बना हुआ है। इसी अपशिष्ट को हटाने की जवाबदेही तय करने के लिए ही जहरीली गैस कांड संघर्ष मोर्चा की ओर से याचिकाकर्ता आलोक प्रताप सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी।
उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा व न्यायमूर्ति सुषमा श्रीवास्तव की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान दिए गए निर्देश को फि र दोहराते हुए डाव कैमिकल्स से कहा कि वह मर्जर एग्रीमेंट के साथ अपनी सम्पत्ति के दस्तावेज न्यायालय में 30 सितम्बर तक आवश्यक रूप से प्रस्तुत करे।
मालूम हो कि जब हादसा हुआ था तब कारखाने पर नियंत्रण यूनियन कार्बाइड आफ इंडिया का था और हादसे के कुछ साल बाद डॉउ कैमिकल्स ने कारखाने का अधिग्रहण कर लिया था।
याचिकाकर्ता आलोक प्रताप सिंह ने आईएएनएस को बताया कि कारखाना परिसर में फै ले कचरे को हटाने की जिम्मेदारी किसकी है, यह तय नहीं हो पाया है और इसीलिए वह न्यायालय गए हैं। न्यायालय ने डॉव कैमिकल्स को मर्जर एग्रीमेंट पेश करने को कहा है। नियमों के अनुसार जब किसी कम्पनी का अधिग्रहण किया जाता है तो अधिग्रहण सम्बंधी जिम्मेदारियां व जवाबदेही भी तय होती है, जिसका खुलासा मर्जर एग्रीमेंट से ही सम्भव होता है।
उन्होंने आगे बताया कि डॉउ कैमिकल्स उस मर्जर एग्रीमेंट को पेश करने से कतरा रहा है मगर न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह मर्जर एग्रीमेंट व संपत्ति के दस्तावेज पेश करे। वहीं डॉउ कैमिकल्स का तर्क है कि मर्जर एग्रीमेंट गोपनीय होता है और उसे सार्वजनिक करना हितकर नहीं होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।