'सड़ाओ नहीं, गरीबों में बाँटो'
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि अनाज गोदामों में सड़े इससे बेहतर है कि उसे भूखे ग़रीब लोगों में मुफ़्त बाँट दिया जाए.
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और दीपक वर्मा की खंडपीठ ने गुरुवार को एक फ़ैसले में कहा, "अनाज बर्बाद हो इससे बेहतर है कि उसे भूखे गरीबों में बाँट दें."
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार खंडपीठ ने केंद्र सरकार को हर राज्य में खाद्यान्नों के भंडारण के लिए एक बड़ा गोदाम बनाने का भी निर्देश दिया है. इसके साथ ही सरकार को ज़िला स्तर और मंडल स्तर पर भी गोदाम बनाने को कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ये सुनिश्चत करने के लिए भी कहा है कि जनवितरण की दुकानें पूरे महीने खुली रहें.
जनवितरण प्रणाली में कथित भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ पीयूसीएल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को इतने विस्तृत निर्देश दिए हैं.
याचिका पर इस पहले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से इस सलाह पर विचार करने को कहा था कि क्यों न ग़रीबी रेखा से ऊपर के परिवारों के लिए जनवितरण सुविधा ख़त्म कर दी जाए.
इस बारे में अपने हलफ़नामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि ग़रीबी रेखा से ऊपर वाले परिवारों को उसी हालत में जनवितरण प्रणाली की सुविधा दी जाती है जब उनकी स्थिति बीपीएल और अन्तोदय अन्न योजना का लाभ उठाने वाले परिवारों के समान पाई गई हो.