कश्मीर में आम जनजीवन पटरी पर
बारामूला जिले में अमन सेतु के समीप एक भीड़ ने 'कारवां-ए-अमन' की बस पर पत्थर फेंका जिससे खिड़की के शीशे टूट गए। बस यात्रियों को लेकर श्रीनगर से अमन सेतु के लिए जा रही थी। रमजान का महीना भी गुरुवार से शुरू हो गया।
जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "श्रीनगर-मुजफ्फराबाद राजमार्ग पर स्थित पल्हालन गांव में शरारती तत्वों ने 'कारवां-ए-अमन' की बस पर पत्थर फेंका, लेकिन वे वहां से तुरंत भाग गए।"
अधिकारी ने बताया, "बारामूला जिले में सुबह पत्थर फेंकने की कुछ घटनाओं को छोड़कर घाटी भर में गुरुवार को माहौल शांतिपूर्ण रहा।"
घाटी में गुरुवार को कहीं भी कर्फ्यू नहीं लगाया गया और हुर्रियत समूह के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने लोगों से सामान्य गतिविधि शुरू करने के लिए कहा था।
श्रीनगर में दुकानें, बैंक, डाकघर, शैक्षणिक संस्थान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे और घाटी के अन्य शहरों में चार दिन के बाद सड़कों पर वाहन नजर आए।
रमजान का महीना शुरू होते ही श्रीनगर शहर में खजूर की मांग बढ़ गई है। मुस्लिम त्योहार के दिनों में सुबह में खजूर को नास्ते में लेना बेहद पसंद करते हैं।
गुरुवार को लोग घरों से निकले और त्योहार के मद्देनजर खजूर, फल और अन्य जरूरी सामग्रियों की खरीदारी की। इससे बाजार में चहल-पहल देखी गई।
जहांगीर चौक , हैदरपुर और रेडियो कश्मीर क्रॉसिंग पर भारी जाम की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यातायात पुलिस दिनभर जाम हटाने में लगी रही।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।