बुनियादी मसला सुलझने पर बदलेगा पाकिस्तानी रुख : गुल
वाशिंगटन, 12 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसिज इंटेलिजेंस (आईएसआई)के पूर्व निदेशक और अफगानिस्तान में तालिबान के उदय में मददगार रहे हामिद गुल का कहना है कि भारत के प्रति पाकिस्तान का रवैया तब तक नहीं बदलेगा जब तक "कश्मीर में भारत सरकार के आतंकवाद" का 'बुनियादी मसला' हल नहीं हो जाता।
सीएनएन के 'कनेक्ट द वर्ल्ड' कार्यक्रम में गुल ने कहा, "पाकिस्तान में इस तरह के आतंकवाद की दो वजहे हैं। पहली वजह, कश्मीर आंदोलन और कश्मीर में भारत सरकार का आतंकवाद तथा दूसरी वजह, मित्र राष्ट्रों द्वारा अफगानिस्तान पर गलत ढंग से कब्जा करना है।"
गुल ने कहा, "यह बिल्कुल गलत है। कोई भी अफगानिस्तान की सरहद के पार किसी आतंकवादी गतिविधि में शामिल नहीं रहा और मुझे लगता है कि किसी गौरवशाली राष्ट्र को इस तरह तबाह किया जाना गलत है। "
वह इन प्रश्नों का जवाब दे रहे थे कि पाकिस्तानी फौज के भारत केंद्रित रुख की वजह क्या है। गुल ने कहा, "यह बुनियादी मसला है-जब तक आप बुनियादी मसला हल नहीं करेंगे तब तक समस्या का समाधान कैसे होगा। जहां तक पाकिस्तान के भारत केंद्रित होने की बात है, तो वह हकीकत है और भारतीय खुद उसे हकीकत में बदल रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "भारत लगातार पाकिस्तान को दोष देता आया है और अपना दुश्मन मानता आया है-कश्मीर विवाद जारी है और कश्मीर में आंदोलन चरम पर है। और ऐसे समय पाकिस्तान से उम्मीद की जाती है कि वह पूर्वी सीमा से फौज हटाकर पश्चिमी सरहद पर ले जाए-यह संभव नहीं है। हमारे पास संसाधन नहीं है।"
यह पूछने पर कि क्या उन्हें 1980 के दशक में अफगान तालिबान का गठन करने में मदद पहुंचाने का पछतावा है, गुल ने कहा, "हरगिज नहीं-मुझे लगता है कि सोवियत कब्जा गलत था और उसी तरह अमेरिकी कब्जा भी गलत ही है।"
गुल ने कहा, "अलकायदा को अफगान विरोध से कुछ लेना-देना नहीं है। मैं उन्हें तालिबान नहीं कहता। मैं अफगानिस्तान के किसी भी गुट को समर्थन नहीं देता-अफगान राष्ट्र का समर्थक हूं।- मैं उनका सम्मान करता हूं, मैं उन्हें पसंद करता हूं और मुझे लगता है कि वे दुनिया के बेहतरीन लोग हैं।"
गुल ने कहा, "तालिबान ने बहुत गलतियां की हैं लेकिन मुझे उम्मीद है कि उन्होंने इससे सबक भी सीख लिया होगा। इसलिए मुझे लगता है कि मुल्ला उमर से बातचीत करनी होगी, क्योंकि यह बेहद जरूरी है-क्योंकि उसके बगैर अफगानिस्तान में कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने कब्जे के खिलाफ अफगानिस्तान के राष्ट्रीय विरोध का प्रतीक पेश किया है।"
अफगानिस्तान में अमेरिका की भूमिका का विरोध करते हुए गुल ने यह कहकर भारत पर दोषारोपण जारी रखा, "वह(अमेरिका) पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराए जा रहे संचार एवं सामरिक समर्थन पर निर्भर है और पाकिस्तान को भारत और उसके मित्र अस्थिर कर रहे हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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