कश्मीर के लोग हिंसा के दुष्चक्र को रोकें : चिदंबरम (लीड-1)
चिदंबरम ने लोकसभा में कहा, "हम इन घटनाओं पर खेद प्रकट करते हैं, लेकिन मैं जम्मू एवं कश्मीर के लोगों से हिंसा के इस दुष्चक्र को रोके जाने की अपील करता हूं।"
चिदंबरम ने खासतौर से कश्मीरी युवकों के परिजनों से अपील की। उन्होंने कहा, "आपके बच्चों की सुरक्षा और बेहतरी हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि आपके लिए। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि बच्चे किसी हिंसक गतिविधि में हिस्सा न लें, यह आप लोगों द्वारा सुनिश्चित कराया जाना चाहिए।"
ज्ञात हो कि कश्मीर घाटी पिछले 54 दिनों से सुरक्षा बलों की गोलीबारी में नागरिकों की हो रही मौत के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के कारण उबल रही है। पिछले 11 जून से जारी हिंसा में 45 लोग मारे जा चुके हैं और 180 लोग घायल हो चुके हैं।
चिदंबरम ने कहा कि जून और जुलाई 2010 में पथराव की 872 घटनाएं घटीं और उस दौरान 1456 सुरक्षा कर्मी घायल हुए। चिदंबरम ने कहा कि सुरक्षा बलों ने हिंसक प्रदर्शनों के साथ निपटने में बड़े धर्य का परिचय दिया है।
चिदंबरम ने कहा, "यह बताना मेरा कर्तव्य है कि सुरक्षा बलों ने अति गंभीर हालात में भी अति संयम बरता है। उन्होंने साहस और धैर्य का परिचय दिया है।"
चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के साथ है। केंद्र सरकार राज्य सरकार के शांति बहाली, बातचीत और घाटी के लोगों की शिकायतों को दूर करने संबंधी प्रयासों के साथ है।
चिदंबरम ने उमर अब्दुल्ला द्वारा सोमवार को दिए गए उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि शांति बहाली के बाद ही कश्मीर की समस्या का कोई समाधान निकालने के लिए आगे की पहल की जा सकती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।