क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ए. क्यू. खान के नेटवर्क पर अमेरिका की चिंता बरकरार (लीड-1)

By Staff
Google Oneindia News

वाशिंगटन, 4 अगस्त (आईएएनएस)। कुख्यात पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान द्वारा शुरू किए गए परमाणु तस्कर तंत्र के दोबारा सक्रिय होने की आशंका के चलते अमेरिका के लिए परमाणु तस्करों का यह नेटवर्क चिंता का सबब बना हुआ है, वहीं पाकिस्तान का दावा है कि कुख्यात वैज्ञानिक का खेल खत्म हो चुका है।

समाचार पत्र 'वाशिंगटन टाइम्स' में छपे एक लेख के बारे में पूछे जाने पर विदेश विभाग के प्रवक्ता फिलिप जे. क्राउले ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "निश्चय ही ए. क्यू. खान का नेटवर्क हाल के दशकों में परमाणु प्रसार के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार रहा है।"

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान और अन्य देशों के साथ मिलकर हम उसके तंत्र को समाप्त करने के लिए काम कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार के अनुसार ए. क्यू. खान का खेल खत्म हो चुका है, फिर भी हम उसके तंत्र पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।"

क्राउले ने कहा कि यह दुनिया में परमाणु प्रसार रोकने के अमेरिका के प्रयास का हिस्सा है। इस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है। यह एक चिंता का विषय है।

टाइम्स समाचार पत्र में पिछले सप्ताह प्रकाशित खबर में दावा किया गया था कि ए. क्यू. खान के परमाणु सामग्री के तस्कर गिरोह में शामिल वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और धन राशि उपलब्ध कराने वाले लोगों को विभिन्न देशों की सरकारें लुभाने का प्रयास कर रही हैं।

इस घटना के कारण इस परमाणु प्रसार तंत्र के फिर से सक्रिय होने की आशंका से अमेरिकी खूफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।

अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा एवं परमाणु अप्रसार मामलों के सहायक विदेश मंत्री वेन एच वेन दीपेन ने कांग्रेस में कहा था कि जिन देशों में यह नेटवर्क ज्यादा आसानी से काम कर रहा था वहां हमने इनकी गतिविधियों पर रोक लगाने के कई कदम उठाए हैं।

इससे पहले सांसद ब्रेड शर्मन ने आरोप लगाया था कि ए. क्यू खान का गिरोह अमीरात से बाहर कई देशों में कार्यरत था। शर्मन ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ईरान, इराक और लीबिया के साथ परमाणु तकनीक के प्रसार और परमाणु सामग्री के अवैध व्यापार में यह गिरोह सक्रिय रहा है।

उन्होंने कहा कि परमाणु सामग्री का परिवहन यूएई के मार्ग से ही किया जाता था क्योंकि यहां पर निर्यात के लिए कानूनी बंदिशें कम हैं और प्रमुख माल के परिवहन का महत्वपूर्ण केंद्र होने के चलते इस तरह के व्यापार को आसानी से छुपाया जा सकता था।

सांसद डेविड स्कॉट ने कहा था कि वर्ष 2003 में दुबई भी इस गिरोह के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में सामने आया था जब यहां खान के गिरोह के लिए काम करने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों के नाम उजागर हुए थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X