फर्जी मुठभेड़ मामले में मेजर निलंबित, कर्नल को पद से हटाया गया
कर्नल को जांच पूरी होने तक कश्मीर में मौजूद रहने का आदेश दिया गया है। राजपूत रेजिमेंट-चार के कमांडिंग आफिसर कर्नल डीके पठानिया को उनके पद से हटा दिया गया और फर्जी मुठभेड़ के मुख्य अभियुक्त मेजर उपेंदर शर्मा को भी जांच पूरी होने तक कार्यो से मुक्त कर दिया गया है।
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उत्तरी कमान के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल ने श्रीनगर में संवाददाताओं को बताया, "कर्नल पठानिया को कमान से हटा दिया गया है और दूसरे आधिकारी उपेंदर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।"
जसवाल ने भरोसा दिलाया है कि जांच 'पूर्णत पारदर्शी' रहेगी और इससे सच्चाई सामने आ जाएगी कि किन हालात में उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नादियाल गांव के रहने वाले शहजाद अहमद खान, रियाज अहमद लोन और मुहम्मद शफी लोन की हत्या की गई।
मामला
मेजर ने दावा किया था कि 30 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में जिन तीन लोगों को मारा गया था, वे पाकिस्तानी घुसपैठिए थे और श्रीनगर से 100 किलोमीटर उत्तर माछिल सेक्टर स्थित नियंत्रण रेखा को पार करने की कोशिश कर रहे थे।
कुपवाड़ा के नादियाल गांव के तीन परिवारों ने दावा किया है कि मारे गए तीनों युवक उनके परिवार के हैं और उनकी हत्या की गई है। इन परिवारों ने शवों की शिनाख्त तस्वीर देखने के बाद की थी।
पुलिस को संदेह तब हुआ, जब मारे गए तीनों युवकों के बदन पर गर्मी के कपड़े देखे गए, जबकि बर्फबारी के कारण नियंत्रण रेखा के पास काफी ठंड रहती है। ऐसे में उन्हें गर्म कपड़ों में होना चाहिए था। पुलिस ने उनके सिर में बुलेट से हुए जख्मों के निशान पाए थे।
पुलिस ने यह कहते हुए हत्या का मामला दर्ज किया था कि तीनों सामान्य नागरिक थे और वे फर्जी मुठभेड़ में मारे गए। आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तब की गई, जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विकास कार्यो का जायजा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर सोमवार को कश्मीर पहुंच रहे हैं।