प्रधानमंत्री ने अलगाववादियों को दिया वार्ता संदेश (राउंडअप)
शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्याालय के पांचवें दीक्षांत समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को अमन व चैन का संदेश दिया। उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि वह ऐसा माहौल बनाए जिससे दोनों देश अमन-चैन के साथ रहें। उन्होंने पूरे दक्षिण एशिया के लिए मजबूत, अमन पसंद और खुशहाल भारत-पाकिस्तान जरूरी बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा, "नियंत्रण रेखा के उस पार के पड़ोसियों को एक ऐसा माहौल पैदा करना होगा जिससे दोनों देश मिलजुल कर अमन के साथ रहें।"
प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि 26/11 के मुंबई हमले से दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ा। उन्होंने कहा, "मुंबई हमले से दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ा। पिछले दिनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से थिम्पू में मेरी मुलाकात हुई थी। दोनों ने स्वीकार किया हमारे बीच विश्वास की कमी है। उन्होंने वादा किया है वह भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी सरजमीं का इस्तेमाल नहीं होने देंगे।"
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि वार्ता की प्रक्रिया आगे बढ़े। आतंकवाद और हिंसा का विरोध करने वाले सभी समूहों के प्रतिनिधियों से हम वार्ता को तैयार हैं।"
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 और 2007 में हुए गोलमेज सम्मेलनों के बाद उनके द्वारा गठित पांच कार्यकारी समूहों की सिफारिशों को क्रियान्वित करने को लेकर उनकी सरकार प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें सिफारिशों से कई बिन्दु मिले हैं और हम उसके आधर पर कदम दर कदम काम करेंगे।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि नियंत्रण रेखा के पार से कभी-कभी देश के अमन चैन में खलल डालने की कोशिशें होती हैं और इस दौरान कभी-कभी बेगुनाह लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है लेकिन अवाम के मानवाधिकारों की पूरी रक्षा की जाएगी।
शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, "मानवाधिकार के मुतल्लिक मिल रही शिकायतों से मैं वाकिफ हूं। अवाम के मानवाधिकार की पूरी हिफाजत की जाएगी।"
उल्लेखनीय है कि कुपवाड़ा के नादियाल गांव के तीन युवकों को सेना ने घुसपैठिया करार देते हुए पिछले दिनों एक फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया था। युवकों के परिवार वालों ने दावा किया था कि मारे गए तीनों युवक उनके परिवार के हैं और उनकी हत्या की गई है। पुलिस ने यह कहते हुए हत्या का मामला दर्ज किया था कि तीनों सामान्य नागरिक थे और वे फर्जी मुठभेड़ में मारे गए।
मनमोहन सिंह के दौरे से ठीक एक दिन पहले रविवार को इस मामले में भारतीय सेना ने एक कर्नल को कमान से हटा दिया और एक मेजर को निलंबित कर दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के नौजवानों को हुनरमंद बनाने पर पूरा जोर दिया जाएगा ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। "रोजगार की जरूरतों को पूरा करने के लिए नौजवानों को हुनरमंद बनाने पर पूरा-पूरा जोर दिया जाएगा। कौशल विकास में रियासत में तेजी से काम होगा।"
उन्होंने कहा, "रोजगार के उपयुक्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार राज्य की सरकार के साथ पूरा सहयोग कर रही है और करेगी।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली और रेल मार्ग के निर्माण के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। विकास के मामले में अच्छा काम हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
अलगाववादियों द्वारा किए गए बंद के आान के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जम्मू एवं कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को यहां पहुंचे। बंद के कारण यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त बना रहा।
प्रधानमंत्री ने यहां शेर-ए कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। यह आयोजन डल झील के किनारे कंवेंशन कांप्लेक्स में हुआ।
प्रधानमंत्री, अपनी पत्नी गरुशरण कौर और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ विशेष विमान से श्रीनगर हवाई अड्डा पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और पृथ्वीराज चव्हाण, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव टी.के.ए.नायर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार हरीश खरे भी हैं। श्रीनगर बंद के मद्देनजर यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुला, उनके पिता एवं केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला और राज्य मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों ने हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी की।
प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रमुख सैफुद्दीन सोज तथा प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी भी हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
इस बीच प्रधानमंत्री की यात्रा के विरोध में कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी द्वारा किए गए बंद के आान की वजह से पूरे शहर के जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। यहां के बाजार बंद रहे और सार्वजनिक वाहन नहीं चले। स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
पुराने शहर के पांच थानाक्षेत्रों में किसी भी तरह की हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)के जवान तैनात किए गए हैं।
शेर-ए कश्मीर इंटरनेशनल कंवेशन कांप्लेक्स की ओर जाने वाले सभी रास्ते सील कर दिये गए और उन सड़कों पर पुलिस पास के बगैर वाहनों या पैदल चलने की इजाजत नहीं दी गई।
निशात, शालीमार और चश्मा शाही सहित सभी मुगलिया बागों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है। इसकी वजह यह है कि प्रधानमंत्री जिन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले हैं वे सभी इन बागों के नजदीक हैं।
पुलिस और खुफिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मीडिया की इन रपटों का खंडन किया है कि आतंकवादी श्रीनगर में आत्मघाती हमले की साजिश रच रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है और अन्य एजेंसियों से हमें जो रपटें मिल रही हैं वे विश्वसनीय नहीं मालूम पड़तीं।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा के बारे में एक मानक प्रक्रिया अपनाई जाती है और उसका यहां कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।