क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बाजार में गिरावट के बावजूद रिलायंस कम्युनिकेशन में तेजी

By Staff
Google Oneindia News

अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की दूरसंचार क्षेत्र की इस कंपनी का शेयर शुक्रवार को 168.15 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। सोमवार को कारोबार के अंत में यह 4.61 प्रतिशत बढ़कर 175.90 रुपये पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में कंपनी का शेयर 179 रुपये के उच्च स्तर तक पहुंचा था।

एसीसी के अलावा रिलायंस कम्युनिकेशन ही सेंसेक्स में तेजी के साथ बंद हुए बाकी सभी शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। एसीसी का शेयर 0.91 प्रतिशत बढ़कर 848.50 रुपये पर बंद हुआ।

बीएसई पर सभी सेक्टरों के सूचकांकों में गिरावट के चलते सेंसेक्स 336.62 अंक (1.97 प्रतिशत) गिरकर 16,781 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले शुक्रवार को यह 17,117.69 अंक पर बंद हुआ था।

पिछले सप्ताह कंपनी के शेयर भाव में 14.03 प्रतिशत की जोरदार तेजी दर्ज की गई थी। पिछले सप्ताह आई खबरों में कहा गया था कि यूएई की कंपनी एटिस्लेट रिलायंस कम्युनिकेशन में हिस्सेदारी खरीद सकती है। एटिस्लेट के 19 देशों में 10.9 करोड़ ग्राहक हैं।

कंपनी ने रविवार को अपने बयान में कहा था कि रिलायंस कम्युनिकेशन के निदेशक मंडल ने बेहतर प्रीमियम पर रणनीतिक या निजी निवेशकों को अपनी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

कंपनी ने हालांकि अभी इस हिस्सेदारी को खरीदने वाली कंपनी का खुलासा नहीं किया है और न ही इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित की है।

इस निर्णय के लिए अटकलें पिछले सप्ताह से लगाई जा रहीं थी। भारत में दूरसंचार क्षेत्र की प्रगति को लेकर आशान्वित यूएई की कंपनी एटिस्लेट ने 3-जी स्पेक्ट्रम नीलामी की बोली दो अरब डॉलर के पार जाने के बाद बोली आगे नहीं बढ़ाई थी।

हिस्सेदारी बेचने की खबरों के बाद बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर रिलायंस कम्युनिकेशन्स के शेयर में 14.03 प्रतिशत की तेजी आ गई थी, सप्ताह के अंत में शुक्रवार को यह 168.15 रुपये पर बंद हुआ।

खबरों में कहा गया था कि अमेरिकी दूरसंचार कंपनी एटीएण्डटी और दक्षिण अफ्रीका की एमटीएन इस हिस्सेदारी को खरीद सकती है।

पिछले सप्ताह अबू धाबी के एक अंग्रेजी दैनिक 'द नेशनल' में खबर प्रकाशित हुई थी कि एटिस्लेट के अध्यक्ष भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी का अधिग्रहण करने की योजना बना रहे हैं।

वर्ष 2008 में एटिस्लेट के 19 देशों में 10 करोड़ ग्राहक थे, इसने स्वान टेलिकॉम में भी 90 करोड़ डॉलर की कीमत की 45 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है।

भारत में कंपनी की सेवाएं एटिस्लेट डीबी के नाम से संचालित हो रही हैं, कंपनी ने भारत में 'चीयर्स मोबाइल' नाम से दूरसंचार सेवाएं लांच की हैं।

पिछले साल जुलाई महीने में एटिस्लेट ने रिलायंस कम्युनिकेशन के साथ 10 साल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग समझौता किया था। यह समझौता 2.2 अरब डॉलर की कीमत में किया गया था।

रिलायंस कम्युनिकेशन पिछले दो साल से विदेशों में रणनीतिक साझेदार की तलाश कर रही है, कंपनी ने अभी अपने साझेदार का खुलासा नहीं किया है लेकिन किसी संभावना से भी इंकार नहीं किया है।

कंपनी ने सही समय पर गतिविधियों का खुलासा करने की इच्छा जताते हुए कहा, "कंपनी अपने शेयर धारकों की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी के लिए कंपनी की नीतियों के तहत इस संबंध में कुछ प्रस्तावों पर विचार कर रही है।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X