राठौर की याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक टली
चण्डीगढ़, 31 मई (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा के सोमवार को पूर्व पुलिस प्रमुख एस. पी. एस. राठौर की जमानत याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी।
राठौर को 1990 के रुचिका गिरहोत्रा छेड़छाड़ मामले में 18 माह कैद की सजा सुनाई गई है।
उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ के न्यायाधीश अजय तिवारी ने राठौर की याचिका पर दलीले सुनने के बाद सुनवाई फिलहाल टाल दी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वकीलों को राठौर की अपील के संबंध में अपना जवाब देने को कहा है।
सोमवार को सुनवाई के लिए राठौर की पत्नी आभा राठौर और उनकी बेटी प्रियांजलि भी न्यायालय पहुंची। राठौर को दोषी ठहराए जाने और बुडै़ल जेल भेजे जाने के एक दिन बाद आभा ने 26 मई को जमानत याचिका दायर की थी।
सीबीआई के वकील अजय कौशिक ने आईएएनएस से कहा, "हम न्यायालय को अपना जवाब सौंपेंगे और जमानत का कड़ा विरोध करेंगे।"
आभा ने सोमवार को कहा, "मैं किसी भी समय बहस के लिए तैयार हूं, लेकिन वे (सीबीआई) अनावश्यक रूप से देर कर रहे हैं, सिर्फ मीडिया के प्रचार के कारण न्यायालय का पिछला फैसला प्रभावित हुआ।"
आभा ने न्यायाधीश को एक नक्शा दिखाया जिसमें 12 अगस्त 1990 को राठौर के कार्यालय में राठौर, आराधना और रुचिका की स्थिति प्रदर्शित की गई है।
आभा ने न्यायाधीश से कहा, "राठौर और रुचिका मेज के आमने-सामने बैठे थे, जब दूरी इतनी अधिक हो तो कोई कैसे किसी से छेड़-छाड़ कर सकता है। आराधना कमरे से बाहर सिर्फ कुछ सेंकेंड के लिए गई थी। कमरे की खिड़कियों में कांच के शीशे थे और आस-पास सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। इससे पहले सभी अदालतों ने इस नक्शे की उपेक्षा की है।"
राठौर ने स्वास्थ्य जरूरतों के आधार पर जमानत की मांग की है। उसने कहा है कि उसके हृदय का ऑपरेशन हुआ है और उसे स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत है।
जिला एवं सत्र न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई के विशेष न्यायालय द्वारा राठौर को दोषी करार दिए जाने के फैसले का अनुमोदन करते हुए उसकी सजा को बढ़ाकर 18 महीने करके उसे जेल भेज दिया था।
इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत में राठौर को छह महीने की कैद की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इस फैसले के बाद राठौर को तुरंत जमानत मिल गई थी। राठौर ने जनवरी में इस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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