सरकारी कंपनियों में विनिवेश के नियमों में ढील
सरकार, वित्तीय वर्ष 2010-11 में सरकारी क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश से 40 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाना चाहती है।
एक आधिकारिक बयान में सरकार ने कहा, "आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज (बुधवार) विनिवेश की प्रक्रिया और नए शेयर जारी करने की प्रक्रिया में वाणिज्यिक बैंकों और मध्यथों को शामिल करने की अनुमति दे दी।"
सरकार के इस कदम से कंपनियों के विनिवेश की प्रक्रिया में सार्वजनिक निर्गम जारी करने की योजना बनाने और उसे सही समय पर लागू करने में कंपनियों को मदद मिलेगी। इससे बाजार में कंपनियों के सार्वजनिक निर्गम एक के बाद एक सुनियोजित तरीके से लाए जा सकेंगे ताकि बाजार में एक साथ इनकी संख्या न बढ़े और उन्हें खुदरा निवेशकों सहित सभी निवेशकों की बेहतर प्रतिक्रिया मिले।
बयान में कहा गया, "हमें उम्मीद है कि इससे बचने वाला समय वास्तविक लेन-देन के लिए उपयोगी होगा और विनिवेश प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगा।"
सरकार एनएचपीसी, एनटीपीसी, एनएमडीसी और आरईसी में 2009-10 में अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा कम कर चुकी है।
वर्तमान वित्त वर्ष में सतलुज जल विद्युत निगम सार्वजनिक क्षेत्र की पहली कंपनी थी जिसका विनिवेश किया गया है। इस साल इंजीनियर्स इंडिया, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और कोल इंडिया के विनिवेश की सरकार की योजना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।