अंतर्राष्ट्रीय वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र का शिलान्यास कल
इस अवसर पर योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया मुख्य अतिथि होंगे। पूर्व कानून मंत्री, कर्नाटक के राज्यपाल और अंतर्राष्ट्रीय वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र के अध्यक्ष हंसराज भारद्वाज कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र (आईसीएडीआर) दिनांक 31 मई 1995 को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अधीन एक समिति के रूप में पंजीकृत हुआ था।
यह विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में कार्यरत एक स्वायत्त संगठन है। इसका मुख्यालय वसंत कुंज, नई दिल्ली में है और हैदराबाद तथा बेंगलुरू में इसके क्षेत्रीय केन्द्र हैं।
अंतर्राष्ट्रीय वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र का उद्घाटन दिनांक 6 अक्टूबर, 1995 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने किया था।
इसके प्रशासनिक भवन का उद्घाटन दिनांक 29 अगस्त, 2005 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश आर. सी. लाहौटी ने किया था।
अंतर्राष्ट्रीय वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र वाणिज्यिक या अन्य विवादों का न्यायालय के बाहर माध्यम, सुलह और मध्यस्थता के जरिये निपटान करने के लिए जन-जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार का प्रयास करता रहा है।
इसने वैकल्पिक विवाद समाधान को प्रोत्साहित करने व लोकप्रिय बनाने के लिए देश भर में समय-समय पर कई संगोष्ठियों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है।
यह अब तक 87 से अधिक संगाोष्ठियां, कार्यशालाएं और सम्मेलन आयोजित कर चुका है, जिनमें से 7 सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के थे और उनमें विदेशों की जानी-मानी हस्तियों ने भी भाग लिया था।
वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2010 तक इसने लगभग 9600 व्यक्तियों को मध्यस्थ के रूप में प्रशिक्षित किया है।
प्रस्तावित नए भवन में विज्ञान भवन के तर्ज पर 250 सीटों वाला एक सभागार और एक सम्मेलन केन्द्र होगा तथा माध्यस्थम के लिए विभिन्न कक्ष होंगे, जिनके साथ दोनों पक्षकारों के साथ अलग-अलग बैठक करने के लिए कमरे जुड़े होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र का यह नया भवन सभी बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित होगा और उसमें वीडियो का सिंग, ट्रांसक्रिप्शन आदि की नवीनतम सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इसके निर्माण से यहां न केवल घरेलू माध्यस्थम के मामलों की बल्कि अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक माध्यस्थम के मामलों की भी एक ही छत के नीचे सुनवाई करने की सुविधा हो जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।