कसाब के गुनाहों का आज होगा हिसाब (लीड-1)
अभियोजन पक्ष के विशेष वकील उज्जवल निकम ने आईएएनएस ेसे बातचीत में गुरुवार सुबह कहा, "हमें पूरी उम्मीद है कि हमने कसाब के लिए जो सजा दिए जाने की मांग की है, वह उसे मिलेगी।" कसाब के गुनाहों को देखते हुए इस बात की प्रबल संभावना है कि उसे फांसी की सजा सुनाई जाएगी। दुनिया भर की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं।
कसाब की सजा को लेकर मंगलवार को अदालत में जिरह हुई थी, जिसमें निकम ने कसाब को 'शैतान' और 'हत्या की मशीन' करार देते हुए कहा था कि वह मृत्युदंड का पात्र है।
निकम ने मंगलवार को कहा था, "कसाब के लिए अधिकतम सजा मृत्युदंड और न्यूनतम आजीवन कारावास है।"
निकम ने कहा था, "मैं कसाब के लिए सजा-ए-मौत चाहूंगा। यह बदले की भावना नहीं है और न ही हम बर्बर न्याय चाहते हैं.. बल्कि न्याय मिलना चाहिए।"
विशेष अदालत के न्यायाधीश एम. एल. ताहिलयानी ने सोमवार को आर्थर रोड जेल में बनी विशेष अदालत में कसाब और अन्य आरोपियों पर फैसला सुनाया था। अपने फैसले में उन्होंने 23 वर्षीय कसाब को दोषी ठहराया और फहीम और सबाउद्दीन को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करा दिया था। इन दोनों पर मुंबई हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने का आरोप था। ये दोनों भारतीय नागरिक हैं।
कसाब को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर दोषी ठहराया गया, जिसमें वह एक एके-47 राइफल और पीठ पर बैग लादे दिख रहा था। अभियोजन पक्ष ने कसाब के खिलाफ 653 गवाह पेश किए थे।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 की रात पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई के विभिन्न स्थानों पर हमला बोला था। लगभग 60 घंटे तक इन आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच चले संघर्ष में 166 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 244 घायल हो गए थे।
इन 10 आतंकवादियों में से नौ को मार गिराया गया था जबकि कसाब को जिंदा पकड़ने में सुरक्षाबलों को सफलता मिली थी। इन आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्थित वर्ल्ड हैरिटेज बिल्डिंग, ताजमहल पैलेस, टॉवर होटल, होटल ओबेरॉय ट्राइडेंट, कामा हॉस्पिटल और नरीमन हाउस को निशाना बनाया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।