'माधुरी गुप्ता सामान्य जानकारियां मुहैया कराती थी' (लीड-1)
तिरपन वर्षीय गुप्ता को गत सप्ताह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसिज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में नई दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था। उससे इस मामले में लगातार विभिन्न स्तरों पर पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक गुप्ता द्वारा किए गए ईमेल से यह बात सामने आई है कि वह एक विश्वसनीय रिपोर्टर थी। वह भारतीय उच्चयोग में होने वाले कार्यक्रमों व गतिविधियों और उच्चायुक्त व अन्य कर्मचारियों की व्यस्तताओं पर नजर रखती थी और इसकी जानकारी पहुंचाया करती थी।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया है कि अभी तक ऐसा कोई सबूत हाथ नहीं लगा है जिससे यह साबित हो सके कि गुप्ता ने आईएसआई को संवेदनशील दस्तावेज दिए हैं।
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "यह निश्चित है कि उसने हमारे सुरक्षा हितों को गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाया है। हमारी जानकारी के मुताबिक वह एक भी दस्तावेज लीक नहीं कर सकी है। उसने रोजमर्रा की जानकारी अपने एजेंटों तक पहुंचाई।"
उधर लोकसभा में विदेश राज्य मंत्री परणीत कौर ने कहा कि माधुरी गुप्ता की पहुंच गोपनीय दस्तावेजों तक नहीं थी लेकिन इस बारे में ज्यादा विवरण देना अभी जल्दबाजी होगी।
लोकसभा में गुरुवार को कौर ने कहा, "मैं सदन को बताना चाहती हूं कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में तैनात एक अधिकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को सूचनाएं दे रही थी। खुफिया प्रयासों के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे।"
उन्होंने कहा, "जिस ओहदे पर यह अधिकारी तैनात थी, उसके मुताबिक इसकी पहुंच गोपनीय दस्तावेजों तक नहीं थी। यह अधिकारी जांच में सहयोग कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से इस बारे में फिलहाल ज्यादा विवरण दे पाना संभव नहीं है।"
गौरतलब है कि भारतीय दूतावास में द्वितीय सचिव के हैसियत से काम करने वाली माधुरी गुप्ता को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसिज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली की रहने वाली 53 वर्षीय माधुरी फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।