वरिष्ठ नागरिकों का पसंदीदा शहर बना आगरा
बृजलाल खंडेलवाल
आगरा, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। ताजनगरी कई वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त लोगों का पसंदीदा शहर बन गया है। ऐसे लोगों की तादाद काफी ज्यादा है जो अपनी जिंदगी के आखिरी कुछ साल आगरा में सुकून और आराम के साथ बिताना चाहते हैं।
दुनिया के मानचित्र पर प्रसिद्ध शहर होने के साथ यह भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा और वृंदावन के नजदीक है। इसके अलावा यहां महानगरों जैसी सभी सुविधाएं, पंच सितारा होटल और मॉल भी हैं।
अशित कुमार दास टुंडला स्थित एक चाय कंपनी से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद वह अपने गृहनगर कोलकाता जाने के बजाय आगरा में ही बस गए।
दास कहते हैं, "आगरा में लोग बहुत मददगार हैं और यहां कोई महसूस नहीं कर सकता कि वह बाहरी है।"
आगरा के प्रतिष्ठित सेंट जोंस कॉलेज से सेवानिवृत्त होने के बाद आइप एम. आइप यहीं बस गए। उनका मानना है कि आगरा भारत के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और यहां जीवन स्तर निश्चित रूप से काफी अच्छा है।
उड़ीसा के एक लेखक और अर्थशास्त्री बिभूति भूषण बारिक यहां पश्चिमपुरी में रहते हैं। वह कहते हैं कि यहां के लोग भेदभाव नहीं करते। लोगों का व्यवहार मित्रवत और मददगार रहता है।
वह कहते हैं, "मैंने पुणे के एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक के रूप में तीन साल काम किया। वहां मैंने भेदभाव की समस्या महसूस की लेकिन आगरा में मुझे ऐसा कुछ भी नहीं लगा। यहां लोगों को इससे मतलब नहीं है कि आप कहां से आए हैं और यहां क्यों रहने लगे हैं।"
सेवानिवृत्त कर्नल शिव कुंजरू मूल रूप से कश्मीर के हैं और उनकी पत्नी दिल्ली की हैं। वह कहते हैं कि इस शहर ने कई सदियां देखी हैं। यहां आप पंचसितारा होटलों में भी जा सकते हैं और सड़क के किनारे खड़े होकर चाट भी खा सकते हैं।
शम्शाबाद रोड पर कावेरी कुंज में अपना मकान बनाने वाले कुंजरू कहते हैं कि एक अच्छी बात यह भी है कि आगरा की पहचान दुनिया भर में है।
कुछ साल पहले सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए एस. पी. सिंह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में आगरा की बिजली व्यवस्था ज्यादा बेहतर है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**