दिमाग को आघात के खतरे से बचाती है रेड वाइन
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने एक चूहिया को अंगूर के छिलके और बीज में पाए जाने वाले एक यौगिक-रेसवेराट्रोल की एक मामूली खुराक दी।
इसके दो घंटे के बाद उन्होंने चुहिया के दिमाग में रक्त ले जाने वाली नलिका को काटकर आघात की स्थिति पैदा की। इस प्रक्रिया को चिकित्सा विज्ञान की भाषा में 'इस्चेमिक स्ट्रोक' कहा जाता है।
इस दौरान पाया गया कि रेसवेराट्रोल की खुराक पाने वाली चुहिया के मस्तिष्क को उस चुहिया की तुलना में कम नुकसान पहुंचा, जिसे रेसवेराट्रोल की खुराक नहीं दी गई थी।
इस्चेमिक स्ट्रोक की स्थिति तब आती है, जब दिमाग में खून जाने वाली नलिकाओं के मार्ग में किसी प्रकार की रुकावट आ जाती है। यह मुख्य तौर पर खून के जमने या फिर किसी वसायुक्त पदार्थ के कारण होता है।
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि रेसवेराट्रोल में एक खास तरह का एंजाइम होता है, जो दिमाग को गहरे आघात से बचाता है। जिस चूहिया को रेसवेराट्रोल की खुराक नहीं दी गई थी, उसके शरीर का प्रतिरोधी क्षमता कम हो गया था और आघात पड़ने के साथ ही उसके दिमाग की कोशिकाएं मर गई थीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।