सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई पर बरसीं मायावती
मायावती की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल 230 पृष्ठ के हलफनामे में कहा गया है, "स्पष्ट राजनीतिक कारणों से मेरे, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद से संबंधित ऐसे ही मामलों में सीबीआई दोहरे मापदंड अपना रही है।"
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मायावती ने सीबीआई के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर उसने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। "सर्वोच्च न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए हैं। सिर्फ ताज गलियारा मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।"
उन्होंने यह भी कहा कि अदालत ने ताज गलियारा मामले को इस मामले से अलग रखा है। "ताज गलियारे के लिए जारी की गई 17 करोड़ की राशि के इस्तेमाल में सर्वोच्च न्यायालय को कुछ भी गलत नहीं मिला।" मायावती के मुताबिक, "सीबीआई ने लालू प्रसाद के खिलाफ आरोपों की कानूनी जांच कराई और इसके बाद उनके खिलाफ मुकदमे की प्रक्रिया नहीं चलाई गई जबकि सीबीआई ने मेरे खिलाफ सीधे तौर पर प्राथमिकी दर्ज की।"
मुलायम सिंह से संबंधित ऐसे ही एक मामले का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "तत्कालीन सॉलिसिटर जनरल की सलाह के बाद सीबीआई ने मुलायम के परिवार के सदस्यों की आय को मुलायम की आय में नहीं जोड़ा जबकि मेरे मामले में मेरे करीबी संबंधियों की आय जोड़ी गई और उसे मेरी आय के रूप में दिखाया गया।"
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उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि उनके मामले में कानूनी राय क्यों नहीं मांगी गई। वह भी तब जबकि वही सॉलिसिटर जनरल आज भी अटार्नी जनरल के पद पर विद्यमान हैं। मायावती ने आयकर अधिकारियों की ओर से खुद को दी गई क्लीन चिट की ओर सर्वोच्च न्यायालय का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि वह लगातार अपना रिटर्न जमा करा रही हैं।
उन्होंने कहा, "आयकर विभाग (अपील) के मुख्य आयुक्त और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण को मेरे आयकर रिटर्न और मेरी आय में कुछ भी विरोधाभासी नहीं मिला, जिसमें मेरे समर्थकों द्वारा दिए गए उपहार भी शामिल हैं।" उन्होंने कहा कि ऐसे में सीबीआई आयकर विभाग की ओर से दी गई क्लीन चिट पर सवाल उठाकर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रही है। अपनी दलील के समर्थन में कई निर्णयों का हवाला देते हुए मायावती ने कहा कि आयकर अधिकारियों की कार्रवाई को मानने को सीबीआई बाध्य है। इसलिए यह सीबीआई के हित में होगा कि वह मेरे खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के फर्जी मामले को बंद करे।