बैंकों की ग्राहक सेवा अपर्याप्त : सुब्बाराव
सुब्बाराव ने कहा, "बैंकों की ग्राहक सेवा महत्वपूर्ण बनती जा रही है क्योंकि बैंक विशेष अधिकार वाली संस्थाएं हैं और बैंकिंग एक विशेष सार्वजनिक उपयोग की सेवा है।"
इस वित्त वर्ष के लिए मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, "लेकिन रिजर्व बैंक और बैंकिंग लोकपाल को कुछ निश्चित कर्जो और अग्रिम भुगतान पर अधिक ब्याज दर तय करने की कई शिकायतें मिली हैं।"
उन्होंने कहा कि ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए बैंकों के तंत्र होने के बावजूद ग्राहकों को संतुष्ट करने की स्थिति से यह अभी दूर है।
ग्राहकों से सही व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने निम्नलिखित कदम सुझाए :
- खुदरा और छोटे ग्राहकों तथा पें
शनभोगियों के लिए एक बैंकिंग सेवा समिति
-बैंकों द्वारा शिकायतों के निस्तारण का अध्ययन
-शिकायतों के शीघ्र निपटारे के अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों का लाभ
-हर छह महीने पर इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक की एक बैठक
सुब्बाराव ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक वर्षो से ग्राहकों को सही सेवा उपलब्ध कराने की पहल करता रहा है। इसमें विनियमों का निर्माण और नैतिक सलाह तथा गुणवत्तायुक्त सेवा शामिल है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।