ऊर्जा संकट की चपेट में पूर्वोत्तर भारत
पूर्वोत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान औसतन 35 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने की वजह से लोग गर्मी से बेहाल हैं।
'त्रिपुरा पॉवर कॉरपोरेशन' के इंजीनियर कुमारेश चक्रवर्ती ने पत्रकारों से कहा, "पानी की कमी के चलते छह क्षेत्रीय जल विद्युत परियोजनाओं में बिजली का उत्पादन 860 मेगावाट से घटकर 370 मेगावाट हो गया है।"
इन छह क्षेत्रीय परियोजनाओं में असम की खनडांग (50 मेगावाट), कोपिलि-1 और 2 (225 मेगावाट), अरुणाचल प्रदेश की रंगानदी जल विद्युत परियोजना (405 मेगावाट), नागालैण्ड की दोयांग जल विद्युत परियोजना (75 मेगावाट) और मणिपुर की लोकटक जल विद्युत परियोजना (105 मेगावाट) शामिल हैं।
चक्रवर्ती ने बताया कि त्रिपुरा सरकार द्वारा संचालित डंबुर जल विद्युत परियोजना (15 मेगावाट) ने भी बिजली उत्पादन बंद कर दिया है, वहीं मेघालय सरकार की 175 मेगावाट की क्षमता वाली उमियम जल विद्युत परियोजना केवल 50 से 60 फीसदी ही उत्पादन कर पा रही है।
त्रिपुरा के मुख्य सचिव (उर्जा) संजीव रंजन ने बताया कि पिछले मानसून में बारिश सामान्य से भी कम हुई, लिहाजा जलाशयों और नदियों का जल स्तर नीचे चला गया। इससे बिजली उत्पादन में गिरावट आई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।