आतंकवादियों से निपटने के लिए मिर्ची का हथगोला !
तेजपुर (असम), 18 मार्च (आईएएनएस)। आतंकवादियों से निपटने के लिए रक्षा मामलों के विशेषज्ञ दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची से बने हथगोले का इस्तेमाल कर सकते हैं। विशेषज्ञों ने ऐसे कुछ हथगोलों का परीक्षण किया है।
उत्तरी असम के तेजपुर में रक्षा शोध और विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में मिर्ची से बने हथगोले का परीक्षण किया गया है। यह हथगोला दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची 'भूत जोलोकिया' से बनाया गया है।
डीआरडीओ के निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. बी. श्रीवास्तव ने आईएएनएस से कहा, "मिर्ची हथगोला विषैला हथियार नहीं है। यह इतना तीखा होता है कि इसकी गंध से आतंकवादी अपने ठिकाने से बाहर निकलने के लिए मजबूर हो सकते हैं। "
'भूत जोलोकिया' मिर्ची की चीनी प्रजाति से संबंद्ध है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने इसे सबसे तीखी मिर्ची करार दिया है। श्रीवास्तव ने कहा कि सुरक्षा बलों को इस तीखी मिर्ची से बने हथगोले मुहैया कराने के लिए कार्य जारी है।
मिर्ची से बने हथगोले की खासियत यह होगी कि इससे जिसपर हमला किया जाएगा उसे अधिक नुकसान नहीं होगा और आसानी से उसे अपनी गिरफ्त में लिया जा सकेगा।
श्रीवास्तव ने कहा कि 'भूत जोलोकिया' के पाउडर का इस्तेमाल महिलाएं अपनी रक्षा के लिए भी कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि हिंसक प्रदर्शनों में इस पाउडर के छिड़काव पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके पाउडर का प्रयोग आंसू गैस के स्थान पर किया जा सकता है।
श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा सर्द इलाकों में तैनात जवानों के भोजन में भी इस मिर्ची के इस्तेमाल को लेकर विचार किया जा रहा है, ताकि उन्हें सर्दी कम लगे। उन्होंने कहा कि सैनिकों के बैरक के आसपास सुरक्षा के लिए इस मिर्ची का इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि दुश्मन बैरक की तरफ नहीं आ सकें।
उल्लेखनीय है कि बाजार में एक किलोग्राम 'भूत जोलोकिया' 300 रुपये में मिलती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।