फिल्मों की दुनिया में दाखिल हुए चित्रकार परेश मैती
यह फिल्म यहां ललित कला अकादमी में दिखाई जा रही है। अकादमी में मैती की प्रदर्शनी 'द वर्ल्ड ऑन ए कैनवस' का भी आयोजन किया गया है।
मैती कहते हैं कि यह एक नई शुरुआत है। यह फिल्म मैती के कलात्मक प्रदर्शन का एक और प्रदर्शन है।
मैती ने आईएएनएस से कहा, "मैं हमेशा से एक फिल्म बनाना चाहता था और 'द मिस्टिक मेलोडी.' एक शुरुआत है। मैं बड़ी फिल्में बनाना चाहता हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं निकट भविष्य में भारत में तीन फीचर फिल्में बनाऊंगा। फिल्मों की पृष्ठभूमि और स्थान तय हैं। वे मेरी कला से सम्बद्ध गूढ़ फिल्में होंगी। मैं जहां फिल्में शूट करना चाहता हूं उन स्थानों को, वहां के स्थानीय लोगों और वहां की कलात्मक दुनिया को पिछले 25 सालों से समझने की कोशिश कर रहा हूं। मैं 25 वर्ष पहले फिल्में बनाना चाहता था लेकिन इस प्रक्रिया और फिल्म की अवधारणाओं को आकार लेने में समय लग गया।"
पैंतालीस वर्षीय मैती पिछले पांच वर्षो से फिल्मकार सत्यजीत रे के फोटोग्राफर निमाई घोष के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के साथ एक कलात्मक जीवनवृत्त 'द वर्ल्ड ऑन ए कैनवस' के लिए काम किया है। टैगोर ने इस कलात्मक जीवनवृत की पटकथा लिखी थी।
मैती कहते हैं कि वह फिल्में बनाना चाहते हैं लेकिन अपनी चित्रकारी भी जारी रखेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।