श्रीलंका में 'जयपुर फुट' लेकर पहुंचे भारतीय विशेषज्ञ (लीड-1)
जयपुर के इन प्रसिद्ध कृत्रिम पैरों के लिए ख्यात 'भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति' (बीएमवीएसएस) के 19 कुशल तकनीशियन श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक शिविर आयोजित कर रहे हैं। इस शिविर में करीब 1,000 विकलांगों को निशुल्क कृत्रिम पैर लगाए जाएंगे।
कोलंबो से 254 किलोमीटर दूर स्थित वावुनिया में शुक्रवार से शुरू हुए इस शिविर में ए. बी. शर्मा के नेतृत्व में तकनीशियनों का एक दल विकलांग लोगों को दुनिया के सबसे सस्ते और कम लागत से बने कृत्रिम पैर उपलब्ध कराएगा। शिविर 10 अप्रैल तक चलेगा।
बीएमवीएसएस के संस्थापक डी. आर. मेहता कहते हैं कि उनका संगठन अब तक अफगानिस्तान, लेबनान, नाइजीरिया, पाकिस्तान, रवांडा, सोमालिया, सूडान और सीरिया लियोन सहित दुनियाभर में 370,000 से ज्यादा कृत्रिम पैर लगा चुका है।
मेहता कहते हैं कि कृत्रिम पैर लगने के बाद विकलांग लोग सामान्य जीवन बिता सकेंगे और जीविकोपार्जन कर सकेंगे।
श्रीलंका 'जयपुर फुट' से लंबे समय से वाकिफ है। पिछले साल मई में सेना द्वारा समाप्त किए गए तमिल टाइगर्स भी युद्ध के दौरान पैर गंवा चुके अपने लड़ाकों के लिए 'जयपुर फुट' का इस्तेमाल करते थे।
बीएमवीएसएस अब तक दुनियाभर में इस तरह के 36 शिविर आयोजित कर चुका है। इनमें से ज्यादातर शिविर युद्ध प्रभावित देशों में आयोजित किए गए हैं।
शिविर आयोजनकर्ताओं का मानना है कि श्रीलंका में 'जयपुर फुट' की मांग बढ़ी है।
गौरतलब है कि श्रीलंका में 1983 से जारी तमिल विद्रोह में 90,000 लोगों की मौत हो चुकी थी और हजारों लोग घायल हो चुके थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।