..जहां राम को दिया जाता है 'गार्ड ऑफ ऑनर'!
बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में राजा हरदौल की पवित्र नगरी ओरछा है। यहां कभी बुंदेला राजा जुझार सिंह ने अपने सेनापति पहार सिंह के बहकावे में आकर अपने ब्रह्मचारी भाई राजा हरदौल को भोजन में जहर खिलाकर मरवा दिया था। किंवदंती के मुताबिक राजा हरदौल अमर हो गए थे। इस नगरी में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को राजा की पदवी दिए जाने के पीछे एक लोककथा प्रचलित है।
झांसी की उर्मिला पटेल बताती हैं कि मान्यता के अनुसार संवत 1600 में बुंदेला महाराजा माकुर शाह की पत्नी महारानी कुंअरि, गणेश और राम की प्रतिमा अयोध्या से ओरछा लाई थीं। उस वक्त राम ने शर्त रखी थी कि ओरछा में राजतंत्र नहीं बल्कि उन्हीं की सत्ता होगी। शर्त मानकर महाराजा माकुर ने ओरछा राज्य में 'राम के राज' की घोषणा कर दी।
महाराजा के शासनकाल में चारों पहर की आरती में भगवान श्रीराम को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया जाने लगा। राजाओं की पुरानी परंपरा का बखूबी निर्वहन मध्य प्रदेश सरकार की पुलिस रोजाना कर रही है।
ओरछा तीर्थ नगरी के रूप में प्रसिद्ध है और देश के कई हिस्से से लोग यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं। यहां मंदिर की सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जवान तैनात किए गए हैं जो कि रोजाना आरती के समय गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।