आश्रम की लापरवाही से हुआ हादसा : उप्र सरकार
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) फतेह बहादुर सिंह ने लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शुरुआती जांच रपट में यह बात सामने आई है कि कार्यक्रम स्थल पर भीड़ नियंत्रण की उचित व्यवस्था न होने की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ और 63 लोगों की जान चली गई। यह रपट इलाहाबाद के मंडलायुक्त अजय उपाध्याय ने राज्य सरकार को सौंपी थी।
प्रमुख सचिव ने कहा कि आयोजकों ने दोपहर 12 बजे से 6 बजे तक के कार्यक्रम के लिए व्यवस्था की थी लेकिन 9 बजे से ही भीड़ इकट्ठा होनी शुरू हो गई। समय से पहले जमा हो गई भीड़ को आयोजक नियंत्रित नहीं कर पाए और यह हादसा हुआ।
जांच में यह बात भी सामने आई कि कार्यक्रम में 10 हजार लोगों को बर्तन और रुपये देने की योजना थी लेकिन वहां माइक से घोषणा करने तक की व्यवस्था नहीं थी। यदि ऐसा होता तो संभवत: भगदड़ न मचती और इतना बड़ा हादसा रोका जा सकता था।
सिंह ने कहा कि मामले की प्राथमिकी पहले ही दर्ज हो चुकी है। पुलिस उपाधीक्षक के.पी. सिंह को जांच करने को कहा गया है। जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी चाहे वह कितना भी प्रभावशाली हो।
उन्होंने कहा कि जांच के अनुसार आश्रम की तरफ से प्रतापगढ़ पुलिस को कार्यक्रम के बारे में पहले ही सूचित किया गया था। आश्रम प्रबंधन ने अपर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कार्यक्रम के लिए 10 से 15 पुलिसवालों की तैनाती की मांग की थी जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने वहां पुलिस बल की तैनाती करा दी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।