पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि पर सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम दलों ने बुधवार सुबह ही अपनी अलग-अलग बैठकें बुलाई हैं। इन बैठकों में आगे की रणनीति तय की जाएगी। विपक्षी नेताओं का कहना है कि बजट में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में की गई वृद्धि के मसले को सबसे पहले उठाया जाएगा।
भाजपा के नेता शाहनवाज हुसैन ने आईएएनएस से कहा, "कीमतों में वृद्धि के मसले पर भाजपा आक्रामक रहेगी। इस मुद्दे पर चर्चा होना ठीक है, लेकिन इसका समाधान भी निकलना चाहिए।" उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आम लोगों से जुड़े इस मुद्दे को सबसे पहले उठाएगी।
वैसे इस मसले पर विपक्ष की एकजुटता आम बजट के दिन ही दिख गई थी। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जैसे ही पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में इजाफे का ऐलान किया था तो समूचे विपक्ष ने एक साथ सदन से बहिर्गमन किया था। संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था।
वाम दलों के नेता बुधवार सुबह समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एवं कुछ अन्य 'धर्मनिरपेक्ष' दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरान पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों हुई वृद्धि पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता बासुदेव आचार्य ने आईएएनएस को बताया कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और बीजू जनता दल (बीजद) को भी इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
उधर, कांग्रेस का कहना है कि इस मसले पर सरकार सहयोगी दलों की चिंताओं का निवारण करने में सफल रहेगी। पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि लोकतंत्र में विभिन्न मतों का होना असामान्य बात नहीं है और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के सहयोगियों के मतभेदों को दूर कर लिया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।