किसी कन्नड़ दैनिक के लिए मैंने कभी नहीं लिखा : तस्लीमा
नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेशी लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता तस्लीमा नसरीन ने मंगलवार को कहा है कि जिस लेख के कारण कर्नाटक में व्यापक तौर पर हिंसा भड़की है, वह लेख उन्होंने नहीं लिखा है। नसरीन के अनुसार उन्होंने इस्लामी बुर्के पर कभी कोई लेख लिखा ही नहीं है। उनका कहना है कि यह घटना उन्हें बदनाम करने की एक कोशिश है।
नसरीन ने दक्षिणी दिल्ली के आसपास कहीं स्थित अपने आवास से आईएएनएस को दिए एक लिखित जवाब में कहा है, "मुझे पता चला है कि कर्नाटक में हिंसा मेरे द्वारा लिखे किसी लेख से भड़की है, जिसे कर्नाटक के किसी अखबार में प्रकाशित किया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि मैंने अपने जीवन में कर्नाटक के किसी समाचार पत्र के लिए कभी कोई लेख लिखा ही नहीं है। एक कन्नड़ दैनिक में इस लेख का प्रकाशन त्रासदीपूर्ण और भयानक है।"
नसरीन ने कहा, "अपने किसी भी लेख में मैंने कभी भी ऐसा नहीं लिखा कि पैगंबर मोहम्मद बुर्के के खिलाफ थे। लिहाजा इस लेख के साथ छेड़छाड़ हुई है। मुझे संदेह है कि मुझे बदनाम करने तथा मेरे लेखों का दुरुपयोग कर समाज में अशांति पैदा करने की जानबूझ कर कोशिश की गई है।"
ज्ञात हो कि एक स्थानीय कन्नड़ दैनिक में संभवत: नसरीन द्वारा लिखित 'पर्दा है पर्दा' नामक लेख के प्रकाशित होने के बाद सोमवार को हजारों की संख्या में मुसलमान कर्नाटक के शिमोगा और हासन कस्बे में सड़कों पर उतर आए। इस लेख में लिखा गया है कि पैंगम्बर मोहम्मद बुर्के जैसी प्रथा में विश्वास नहीं करते थे, क्योंकि यह प्रथा महिलाओं की आजादी का दमन करती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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