विदर्भ में बंद, रेलगाड़ियां रोकी गईं
नागपुर और जिन अन्य 11 जिलों में बंद का आह्वान किया गया है, वहां महाराष्ट्र पुलिस ने सुरक्षा का कड़ा इंतजाम किया गया है। बंद का आयोजन करने वाले 68 राजनीतिक दलों एवं समूहों के संगठन विदर्भ निर्माण संग्राम समिति (वीएनएसएस) के एक प्रवक्ता ने बंद के सफल होने का दावा किया।
विदर्भ जन आंदोलन समिति (वीजेएएस) के प्रमुख किशोर तिवारी ने कहा कि सभी स्कूलों, कॉलेजों, अधिकांश सरकारी कार्यालयों और पूरे विदर्भ के एक लाख से अधिक वाणिज्यिक और व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने बंद में हिस्सा लिया। महाराष्ट्र के विभाजन का विरोध कर रही शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने बंद का विरोध किया।
रेलवे ट्रैक पर हुआ प्रदर्शन
नई दिल्ली-बेंगलुरू राजधानी एक्सप्रेस और मुंबई- नागपुर विदर्भ एक्सप्रेस सहित लंबी दूरी की नौ रेलगाड़ियों को बलपूर्वक रोका गया। राज्य परिवहन निगम की चार बसों पर पत्थराव किया गया। मुंबई-कोलकाता और वाराणसी-कन्याकुमारी राजमार्गो को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया।
नागपुर
में
55
व्यक्तियों
सहित
कुल
200
लोगों
को
आदेशों
का
उल्लंघन
करने
के
लिए
हिरासत
में
लिया
गया।
भंडारा
कस्बे
में
चार
विदर्भ
समर्थक
युवकों
ने
बीएसएनएल
के
एक
टॉवर
पर
चढ़ने
की
कोशिश
की
लेकिन
पुलिस
ने
उनको
बलपूर्वक
नीचे
उतार
दिया।
विदर्भ
क्षेत्र
में
नागपुर,
चंद्रपुर,
गोंदिया,
भडाना,
गढ़चिरौली,
वर्धा,अमरावती,
यवतमाल,
बुल्डाना,
अकोला
और
वाशिम
आते
हैं।
इस
क्षेत्र
की
कुल
जनसंख्या
तीन
करोड़
है।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि आंदोलनकारियों ने विदर्भ एक्सप्रेस को कुछ देर के लिए रोका, जबकि कई अन्य स्थानों पर उत्तर, पूर्वी और दक्षिण भारत से आने वाली रेलगाड़ियों को रोकने का प्रयास किया गया। विदर्भ समर्थक आंदोलनकारियों के राजमार्ग जाम करने के कारण महाराष्ट्र की छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से लगी सीमा पर यातायात अवरूद्ध हो गया।
नागपुर शहर में सड़कों पर कोई भी निजी या सरकारी वाहन नहीं दिखा और सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान रहे। यवतमाल में किसानों की 50 विधवाओं ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कार्यालय पर धरना देकर पृथक राज्य के समर्थन में नारेबाजी की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।