आडवाणी के खिलाफ एक और भाजपाई
गौर करने वाली बात यह है कि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के उत्तराधिकारी के रूप में जिन नेताओं के नामों की चर्चा है, उनमें पारीकर भी हैं। बहरहाल, पार्टी ने कहा है कि पारीकर को बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है।
पारीकर ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता आडवाणी पर निशाना साधते हुए एक स्थानीय समाचार चैनल से बातचीत में कहा, "अचार तैयार होने में एक साल का समय लगता है लेकिन आप यदि इसे दो या उससे अधिक साल तक रखते हैं तो वह खराब होने लगता है। आडवाणीजी की पारी लगभग समाप्ति की ओर है। एक-दो साल हैं उनके पास। हो सकता है कि उसके बाद वे पार्टी के मार्गदर्शक की भूमिका में आ जाएं।"
नेतृत्व परिवर्तन की मांग की
नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते हुए पारीकर ने कहा कि पार्टी को किसी युवा को अध्यक्ष के रूप में पेश करना चाहिए, जिसकी विश्वसनीयता हो। उन्होंने कहा, "मैं बुजुर्गो के खिलाफ नहीं हूं लेकिन भाजपा को उन नेताओं को तरजीह देनी चाहिए जो 40 से 60 की उम्र के हों।" उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि निष्ठा और चरित्र के मामले में आडवाणी भाजपा के श्रेष्ठ नेता हैं। उन्होंने कहा, "मैं आडवाणीजी का बड़ा सम्मान करता हूं।"
पार्टी की प्रतिक्रिया
इस बारे में पार्टी की प्रतिक्रिया देते हुए प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "पारीकर ने आडवाणीजी को सम्मानीय नेता बताया है और उन्हें पार्टी का मार्गदर्शक तथा गाइड बताया है। उन्होंने अटल-आडवाणी की जोड़ी को पार्टी का आधार स्तम्भ भी बताया।"
उन्होंने कहा, "इससे आगे कुछ भी कहना उनकी बातों का गलत अर्थ निकालना है। उन्होंने कोंकणी भाषा में एक स्थानीय समाचार चैनल को अपना साक्षात्कार दिया गया था। उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया।" उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद जसंवत सिंह, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने विभिन्न माध्यमों से आडवाणी पर निशाना साधा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।