झारखंड में नक्सलियों से लड़ने में मोबाइल फोन से मिल रहा सहयोग
रांची, 5 फरवरी (आईएएनएस)। झारखंड की पुलिस बंदूकों से लैस नक्सलियों से निपटने के लिए ग्रामीणों को मोबाइल फोन मुहैया करा रही है और उसका यह कदम निश्चित रूप से विद्रोहियों के खिलाफ सूचना तंत्र को मजबूत बनाने में मददगार साबित हो रहा है।
पिछले माह पश्चिमी सिंहभूम जिले में निशुल्क मोबाइल फोन वितरित किए जाने के बाद पुलिस का कहना है कि उसे नक्सलियों की गतिविधियों और उनके छिपने के ठिकाने के बारे में कई महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
पश्चिमी सिंहभूम जिले के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार ने आईएएनएस से कहा, "निशुल्क मोबाइल फोन वितरित करने का मुख्य उद्देश्य सुदूर इलाकों जहां नक्सली सक्रिय हैं, में सूचना तंत्र को मजबूत बनाना है। ग्रामीण हमारे कदम का सकारात्मक जवाब दे रहे हैं।"
पुलिस ग्राम प्रमुखों को केवल निशुल्क मोबाइल फोन सेट दे रही है। उन्हें अपने खर्च पर सिम कार्ड खरीदना पड़ता है और वे इसका प्रयोग निजी कार्यो के लिए कर सकते हैं। उन्हें पुलिस का नंबर मुहैया करवाया गया है ताकि वे नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में सूचनाएं पहुंचा सकें।
कुमार ने कहा, "हमारी योजना जिले के प्रत्येक गांव में कम से कम एक मोबाइल फोन देने की है। अब तक जिले में 200 मोबाइल सेट वितरित किए जा चुके हैं जिसकी करीब 220 गांवों तक पहुंच है।"
सिंहभूम में मिली सफलता को देखकर राज्य पुलिस की योजना अन्य जिलों में भी मोबाइल फोन उपलब्ध कराने की है।
राज्य पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम मोबाइल पर होने वाले मासिक खर्च का भुगतान करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उत्साहित करने वाले नतीजे आ रहे हैं। गांववालों की सहायता से हम राज्य के नक्सली समस्या को खत्म कर सकते हैं।"
पुलिस के कदम से ग्रामीण भी काफी खुश हैं।
एक ग्राम प्रमुख गणेश हेमब्रोम ने कहा, "हम पुलिस के इस कदम की सराहना करते हैं। पहले नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में पुलिस को सूचित करना हमारे लिए मुश्किल था। हमारी सूचनाओं पर पुलिस अधिकारी तुरंत कार्रवाई करते हैं।"
राज्य के 24 जिलों में से 18 में में नक्सली विद्रोही सक्रिय है। पिछले आठ साल नक्सली हिंसा में 1450 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।