लिट्टे से वार्ता से श्रीलंका का इनकार
एक मीडिया रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया कि यह सुझाव टोक्यो को-चेयर्स नामक संगठन की ओर से दो दिन पहले आया था। इस संगठन में अमेरिका, जापान, यूरोपीय संघ और नार्वे शामिल हैं।
लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) और सेना के बीच सैनिक संघर्ष में फंसे नागरिकों की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए संगठन ने विद्रोहियों से शत्रुता खत्म करने के उपायों सहित हथियार डालने और हिंसा खत्म करने पर कोलंबो के साथ चर्चा करने को कहा।
उन्होंने लिट्टे से श्रीलंका सरकार के माफी के प्रस्ताव को स्वीकार करने और एक न्यायपूर्ण तथा स्थायी राजनीतिक समाधान में राजनीतिक दल की तरह हिस्सा लेने का आग्रह किया।
समाचार पत्र 'आइसलैंड' के अनुसार उधर रक्षामंत्री गोटाभ्या राजपक्षे ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस बात की आशा नहीं करनी चाहिए कि लिट्टे को हराने के बाद नई राजनीतिक प्रक्रिया में उसे एक राजनीतिक पार्टी के रूप में शामिल किया जाएगा।
अखबार के अनुसार राष्ट्रपति राजपक्षे के छोटे भाई गोटाभ्या ने कहा कि इससे अधिक हास्यास्पद और कुछ भी नहीं हो सकता। लिट्टे के बिना शर्त समर्पण से कम कुछ भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।