राजनीतिक दलों ने कहा, चुनाव प्रक्रिया लंबी न हो (लीड-1)
अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए संपन्न हुई बैठक में कम से कम सात राष्ट्रीय और 32 क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में सभी दलों ने यह राय जताई कि चुनावी प्रक्रिया कम से कम चरणों में संपन्न हो और वह लंबा न खिचें।
हालांकि बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की निष्पक्षता और तटस्थता पर किसी प्रकार की आंच नहीं आनी चाहिए।
बहरहाल, नवीन चावला को हटाए जाने को लेकर गोपालस्वामी द्वारा राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भेजी गई सिफारिश पर मचा बवाल मंगलवार की बैठक पर भारी पड़ी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में कहा, "लोकसभा चुनाव के ठीक पहले चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को विवादों में घसीटे जाने से हम चिंतित हैं।"
उन्होंने कहा, "यह किसी व्यक्ति विशेष का बचाव करने की बात नहीं है बल्कि एक संवैधानिक संस्था की बात है जिसके ऊपर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने का दारोमदार है।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी ने कहा, "मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्तों को साथ देखकर हमें बेहद खुशी हुई।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, "संवैधानिक संस्थाओं को विवादों में लपेटने का भाजपा को कोई अधिकार नहीं है। भाजपा ने पूर्व में भी चुनाव आयोग को विवादों में लपेटने की कोशिश की है।"
गोपालस्वामी और चावला ने बैठक में जाने से पहले कैमरे के सामने एक साथ मुस्कुराते हुए फोटो खिंचवाए।
बैठक में चुनावी विज्ञापनों, चुनावों पर होने वाले खर्च और इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में होने वाली गड़बड़ियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई।
आगामी लोकसभा चुनाव के संबंध में होने वाली बैठकों की श्रृंखला में मंगलवार को पहली हुई। बुधवार को निर्वाचन आयोग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर सकता है। इस बैठक में मतदाता सूची में संशोधन और फोटो मतदाता सूची की स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है।
इस सप्ताह के अंत में निर्वाचन आयोग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों के साथ सुरक्षा की स्थिति और चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती पर चर्चा करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।