राहुल गांधी के बाद प्रियंका जाएंगी बांग्लादेश
बांग्लादेश में जारी विकास कार्यो में रूचि दिखाने वाली प्रियंका यहां दो दिनों तक रहेंगी और अपने भाई की तरह बीआरएसी का दौरा करेंगी। बीआरएसी देश की सबसे बड़ी स्वयंसेवी संस्था है जो ग्रामीण विकास से जुड़ी परियोजनाएं चलाती हैं।
न्यू एज समाचार पत्र ने सोमवार को कहा, "उनकी योजना बीआरएसी द्वारा संचालित परियोजनाओं का दौरा करने की है, इसमें राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर सवार में संचालित अनौपचारिक प्राथमिक शिक्षा भी शामिल है।"
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक प्रियंका का दौरा निजी है और वह बीआरएसी की परियोजनाओं को देखने आ रही है, जिससे कि वह वैसी ही परियोजनाएं भारत में राजीव गांधी फाउंडेशन के तहत चला सकें।
संभावना है कि प्रियंका, प्रधानमंत्री शेख हसीना, विदेश मंत्री दीपू मोनी और विदेश राज्यमंत्री हसन महमुद से भी मुलाकात करें।
उनकी यह यात्रा भारतीय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी की यात्रा से पहले हो रही है, जो रविवार को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों जिसमें आतंकवाद से निपटने के उपाय भी शामिल हैं, पर चर्चा के लिए यहां आएंगे।
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पिछले साल अगस्त में पांच दिनों की यात्रा पर यहां आए थे। तब उन्होंने ग्रामीण विकास परियोजना के नेताओं और युवाओं से मुलाकात की थी। उनकी मेजबानी बांग्लादेश के नोबल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने की थी।
जैसा की राहुल की यात्रा के दौरान देखा गया कि अविभाजित भारत की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने वाले भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पर पोते-पोतियों की यात्रा का बांग्लादेशियों विशेषकर युवाओं के लिए राजनीतिक और भावनात्मक मूल्य है।
उनकी दादी इंदिरा गांधी की सरकार ने सन 1971 में बांग्लादेश के एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सन 1985 में चक्रवात से प्रभावित बांग्लादेश की यात्रा करने वाले उनके पिता राजीव गांधी पहले व्यक्ति थे।
समाचार पत्र न्यू एज द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार विदेश सचिव तौहिद हुसैन ने प्रियंका की यात्रा की प्रष्टि की। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।