बिहार में कर्मचारी हड़ताल से पोलियो उन्मूलन अभियान प्रभावित (लीड-1)
पांच दिवसीय पोलियो उन्मूलन अभियान में लगभग 2 करोड़ बच्चों तक दवा पहुंचाने का लक्ष्य है लेकिन रविवार को पहले दिन ही अभियान पर हड़ताल का असर देखा गया। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने भी इस संबंध में आशंका व्यक्त की है।
दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए ठेके पर नियुक्त चिकित्सकों और स्वयंसेवकों की मदद ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि छठे वेतनमान की सिफारिशों को केन्द्र सरकार की तर्ज पर लागू करने की मुख्य मांग को लेकर राज्यभर के अधिकांश कर्मचारी सात जनवरी से ही हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण सचिवालय से लेकर प्रखंड कार्यालयों तक में कामकाज लगभग ठप हैं।
बिहार सचिवालय सेवा संघ के प्रवक्ता डा. नित्यानंद सिंह ने आईएएनएस को बताया, "बड़ी से बड़ी समस्या का हल भी बातचीत के जरिए हो जाता है लेकिन राज्य सरकार हम लोगों की मांगों के प्रति संवेदनशील नहीं है। उसने अपनी दमनकारी नीतियों से कर्मचारियों को भड़काने का ही काम किया है।"
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के महामंत्री मंजुल कुमार दास ने बताया कि सोमवार तक जो कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हैं, उन्हें भी हड़ताल में शामिल किया जाएगा तथा इस आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
दूसरी ओर राज्य सरकार हड़ताली कर्मचारियों को दोबारा 'कारण बताओ' नोटिस जारी करने जा रही है। इस बार भी कर्मचारी काम पर नहीं लौटे, तो सख्त कारवाई की जाएगी। राज्य के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुभानी ने बताया कि सरकार हड़ताली कर्मचारियों को दोबारा नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर रही है इसके लिए सभी विभागों से काम पर लौटने वाले कर्मचारियों की संख्या और नाम की सूची मंगवाई जा रही है।
ज्ञात हो कि सरकार समाचार पत्रों के माध्यम से भी हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को काम पर लौटने की अपील कर चुकी है तथा नहीं लौटने वाले कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कारवाई की चेतावनी दे चुकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।