मध्यपूर्व से सम्मानित संबंध चाहता है अमेरिका : ओबामा (लीड-1)
ओबामा ने समाचार चैनल अल-अरबिया को अपना पहला साक्षात्कार देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि मध्यपूर्व उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है।
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार ओबामा ने कहा, "मेरा काम अमेरिकी जनता को यह बताना है कि मुस्लिम जगत असाधारण लोगों से भरा हुआ है, जो सामान्य जिंदगी चाहते हैं और अपने बच्चों का बेहतर भविष्य चाहते हैं। मेरा काम मुस्लिम समाज को यह बताना है कि अमेरिकी उनके दुश्मन नहीं हैं।" उन्होंने यह भी कहा, "हम कभी-कभी गलतियां कर देते हैं, हम हमेशा सही नहीं होते।"
उन्होंने कहा, "मुस्लिम जगत की बेहतरी में अमेरिका की हिस्सेदारी है..हम जिस भाषा का इस्तेमाल करते हैं वह सम्मान की भाषा होनी चाहिए। मेरे परिवार में मुस्लिम सदस्य हैं। मैं मुस्लिम देशों में रहा हूं।"
इजरायल-फिलीस्तीन समस्या के बारे में ओबामा ने कहा, "अक्सर ऐसा हुआ है कि अमेरिका निर्देश देने की भूमिका में रहा है.. और हमेशा ऐसा नहीं होता कि उस मुद्दे से संबंधित सभी कारकों को हम जानते हों। ऐसे में हमें उनकी बात भी सुननी चाहिए।"
राष्ट्रपति ने जोर दिया कि इजरायल अमेरिका का सबसे मजबूत सहयोगी बना रहेगा और उसकी सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मध्यपूर्व की समस्या के किसी भी समाधान में समय लगेगा और वहां की समस्या को निश्चित तौर पर पूरे मध्यपूर्व के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
ओबामा प्रशासन ने मध्यपूर्व के लिए जॉर्ज मिशेल को नया दूत नियुक्त किया है। मिशेल मंगलवार को मध्यपूर्व जाने वाले हैं। उनकी योजना इजरायल, फिलीस्तीन, मिस्र, जार्डन और सऊदी अरब जाने की है।
मिशेल की योजना गाजा में इजरायल व हमास विद्रोहियों के बीच अस्थाई युद्ध विराम और इजरायल व फिलीस्तीन के बीच व्यापक शांति प्रक्रिया पर चर्चा करने की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।