मप्र में मंत्री के बयान से कर्मचारी संगठन नाराज
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री गौर ने शनिवार को एक सामाजिक संस्था के कार्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों को नसीहत देते हुए समाज सेवियों से सीख लेने की हिदायत दी थी। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों को काम नहीं करना होता है वे ही सरकारी नौकरी में आते हैं। गौर यहीं नहीं रुके, उन्होंने सरकारी दफ्तरों में अधिक छुट्टियां रहने पर भी नाराजगी जताई। इन स्थितियों को वे विकास के लिए बाधक मानते हैं।
गौर के इस बयान से प्रदेश के कर्मचारी जगत में भूचाल सा आ गया है। निगम मंडल अधिकारी कर्मचारी समन्वय महासंघ के कार्यकारी प्रान्ताध्यक्ष अनिल वाजपेयी ने गौर की टिप्पणी को कर्मचारियों के स्वाभिमान पर चोट करने वाला करार दिया है।
उन्होंने कहा है कि एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोबारा सत्ता में आने का श्रेय कर्मचारियों को दे रहे हैं, वहीं मंत्री आघात पहुंचा रहा है। कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल जल्दी ही मुख्यमंत्री से मिलेगा और बैठक बुलाकर आगामी रणनीति बनाएगा।
मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के प्रान्ताध्यक्ष वीरेन्द्र खोंगल ने भी बाबू लाल गौर के बयान की निन्दा की है। उन्होंने कहा कि मजदूरों की राजनीति करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री तक बनने वाले गौर ने अपने बयान से कर्मचारियों का ही अपमान कर दिया है। वे गौर से खेद जताने के साथ माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उनका संगठन पूरे प्रदेश में 21 जनवरी को भोजनावकाश के दौरान प्रदर्शन करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।