अश्वेत दासों के बनाए व्हाइट हाउस में कदम रखेंगे ओबामा
वाशिंगटन, 19 जनवरी (आईएएनएस)। आप इसे संयोग ही कह सकते हैं कि मंगलवार को अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में बराक ओबामा अपने परिवार के साथ जिस व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे उसे अश्वेत दासों ने ही बनाया था।
अमेरिका में अश्वेत दासों को गुलामी से मुक्ति दिलाने का काम अब्राह्म लिंकन ने किया था। इससे पूर्व 12 अमेरिकी राष्ट्रपति दास रखा करते थे। विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र के ऐतिहासिक इमारत व्हाउट हाउस में शुरुआत में दास रखना सामान्य माना जाता था।
दासों ने न केवल व्हाइट हाउस को बनाया बल्कि देश के संसद भवन कैपिटॉल हिल का निर्माण भी दासों ने ही किया था, जिसमें ओबामा राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसके अलावा संसद भवन के शिखर पर स्वतंत्रता की प्रतीक माने जाने वाली प्रतिमा का निर्माण भी फिलीप रेड नाम के एक दास ने किया था।
ओबामा का राष्ट्रपति बनना और दासों द्वारा बनाए गए सत्ता प्रतिष्ठानों में प्रवेश करना अमेरिका में बदलते सामाजिक तानेबाने को ही प्रदर्शित करता है। व्हाइट हाउस के निर्माण सहयोग देने वाले कुछ दासों के नाम भी अमेरिकी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं।
टॉम, पीटर, बेन, हैरी और डेनियल नाम के पांच दासों ने व्हाइट हाउस के लिए बढ़ई का काम किया था। 'व्हाइट हाउस हिस्टोरिकल एसोसिएशन' के अनुसार राष्ट्रपति भवन के निर्माण के समय कई दास हफ्ते में सातों दिन काम करते थे, चाहे तपतपाती गर्मी ही क्यों न हो।
अमेरिका में मार्टिन वान ब्यूरेन, विलियम हेनरी हेरिसन, एंड्रयू जॉनसन और यूलीसेस एस.ग्रांट ऐसे राष्ट्रपति हुए, जो दास रखा करते थे। हालांकि ये अपने कार्यालय में दास को नहीं रखते थे।
जॉन टॉयलर जब राष्ट्रपति थे तो उन्होंने यहां तक कहा था दास को खरीदना संवैधानिक अधिकार है और अब इसी देश में मंगलवार को पहली बार कोई अश्वेत व्हाइट हाउस में कदम रखेगा, जिसका पूरे विश्व को इंतजार है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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