'भारत में गर्भावस्था के दौरान प्रति वर्ष 78 हजार महिलाओं की मौत'
इस रिपोर्ट का नाम 'यूनीसेफ स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रेन-2009' है। इसके मुताबिक गर्भावस्था और प्रसव से जुड़ी परेशानियों के कारण औसतन हर सात मिनट पर एक महिला मौत की शिकार हो जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रसव के दौरान उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और असम में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं।
भारत में यूनीसेफ की प्रतिनिधि कैरीन हल्सॉफ ने रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा, "हम जानते हैं कि भारत में हर साल 78,000 महिलाओं की जिंदगी बचाने के लिए क्या किया जाना चाहिए। मां और उसके नवजात शिशु दोनों का जीवन एक दूसरे से जुड़ा है। सभी को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए।"
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष 1990 से 2007 के बीच शिशु मृत्यु दर को कम करने में काफी हद तक कामयाब रहा है। पहले 1,000 नवजात शिशुओं में से 117 की मौत होती थी। अब यह आंकड़ा घटकर 72 हो गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।