बेंगलुरू में अनाथों व बुजुर्गो के बीच कड़ी बन गए हैं आईटी पेशेवर
बेंगलुरू, 12 जनवरी (आईएएनएस)। युवा सॉफ्टवेयर पेशेवरों के एक समूह ने समाज के दो उपेक्षित वर्गो (अनाथ बच्चों व बुजुर्गो) को एक-दूसरे के करीब लाने का काम किया है। इस पहल से उनमें प्रेम, ममत्व व सहचर्य की भावना विकसित हो रही है।
'वी बिलांग' नामक यह समूह पिछले छह महीनों से बुजुर्गो व अनाथ बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम कर रहा है।
'वी बिलांग' के विचार को पहली बार सामने लाने वाले कमल नाथ ने आईएएनएस को बताया, "हमारे समूह की कोशिश अनाथों व बुजुर्गो को एक साथ लाने को लेकर है। आज की तेज रफ्तार दुनिया में युवाओं के पास दूसरों के लिए समय नहीं है। सेवानिवृत्त होने के बाद तमाम वरिष्ठ नागरिक नीरस व अकेलेपन की जिंदगी जीने को विवश हो रहे हैं।"
कमल नाथ ने कहा, "हम एक ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं, जिसमें बुजुर्ग अपने घरों से बाहर निकलें और अनाथालयों में मां-बाप के प्यार के लिए तरसते अनाथ बच्चों को प्यार व उनकी देखभाल करें।"
'वी बिलांग' समूह में फिलहाल 23 सदस्य हैं। सभी सॉफ्टवेयर पेशेवर हैं। सभी बेंगलुरू में विभिन्न कंपनियों में काम करते हैं।
कमल नाथ ने कहा, "प्रत्येक शनिवार को हम बुजुर्गो व बच्चों को कई कक्षाओं के जरिए एक साथ लाने की कोशिश करते हैं। इसके जरिए हम बच्चों को कोई न कोई हुनर सिखाने की कोशिश करते हैं और एक साथ मौजमस्ती में समय बिताते हैं।"
अभी तक 'वी बिलांग' ने 70 बच्चों व 40 बुजुर्गो की जिंदगियों को स्पर्श करने की कोशिश की है।
समूह के एक अन्य सदस्य दीपा उदयकुमार ने कहा, "उन्हें एक साथ लाने के लिए खेल, संगीत, कला, पेंटिंग, नृत्य व जादू-प्रदर्शन के जरिए सीखने-सिखाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।"
एंजेल्स अनाथ आश्रम की संस्थापक सबीना कहती हैं, "हमें इस बात की खुशी हैं कि हर शनिवार को 'वी बिलांग' के लोग कुछ बुजुर्गो के साथ हमारे यहां आते हैं और हमारे बच्चों को तरह-तरह के हुनर सिखाने के लिए अपना कीमती समय देते हैं।"
एजेंल्स अनाथ आश्रम, फिलहाल, 70 अनाथ बच्चों को मुफ्त भोजन, आवास व शिक्षा मुहैया करा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।