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बिहार के 3 जिलों में बाढ़ पीड़ितों का प्रदर्शन (लीड-1)

By Staff
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पटना, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार के बाढ़ प्रभावित सुपौल, सहरसा तथा मधेपुरा में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के आह्वान पर राहत सामाग्री उपलब्ध कराने को लेकर बाढ़ पीडितों द्वारा शुरू किया गया प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा।

तीनों जिला के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों के प्रखंड कार्यालयों पर बाढ़ पीड़ितों ने धरना दिया तथा सड़कें जाम की। इधर, सहरसा में जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री फिर से बांटने का आदेश दिया है।

सहरसा में मंगलवार को विकास भवन के समक्ष बाढ़ पीड़ितों ने प्रदर्शन व धरना दिया। प्रदर्शनकारी विकास भवन में रखे राहत सामग्री को बांटने की मांग कर रहे थे। माकपा के सहरसा जिला मंत्री विनोद कुमार ने बताया कि अगर जिला प्रशासन हमारी मांगे नहीं मानता है तो प्रदर्शनकारी खुद राहत सामग्री ले लेंगे।

उधर, सहरसा जिला के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) चंद्रमा सिंह ने मंगलवार को बताया कि सहरसा में बचे बाढ़ राहत सामग्री का वितरण पुन: प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि एक सप्ताह के अंदर बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री बांटने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

उधर, सुपौल जिला मुख्यालय के अलावा त्रिवेणीगंज अनुमंडल कार्यालय के समक्ष भी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया तथा यहां के मुख्य सड़क को जाम रखा।

मधेपुरा में बाढ़ पीड़ितों ने कुमारखंड, उदाकिसुनगंज, बिहारीगंज, मुरलीगंज तथा शंकरपुर प्रखंड में प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना दिया। माकपा के निवर्तमान विधान पार्षद (एमएलसी) बलराम सिंह यादव का दावा है कि इन सभी प्रखंड कार्यालयों में प्रदर्शनकारियों ने ताला लगा दिया है तथा कार्य ठप्प हो गया है। उन्होंने बताया कि यहां रेल मार्ग और सड़क मार्ग भी अवरूद्घ किया गया है।

मंगलवार को कई जगहों पर आंदोलनकारी सड़कों पर जमा होकर यातायात अवरूद्ध कर दिए। सहरसा जिला के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित इलाकों सौर बाजार, सोनवर्षा तथा पतरघट प्रखंड कार्यालयों में हड़ताल के दूसरे दिन भी प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन जारी रहा।

उधर, मधेपुरा में सोमवार को समहरणालय में हुए हंगामे के बाद पुलिस प्रशासन चौकसी बरत रही है। मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक ओ़ एऩ भास्कर ने मंगलवार को बताया कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को सरकारी सम्पतियों को नुकसान नहीं पहुंचाने देगी। उन्होंने कहा कि सोमवार को पुलिस ने काफी संयम का परिचय दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि मंगलवार दोपहरण तक कहीं से अप्रिय घटना की सूचना नहीं थी।

उधर, माकपा के राज्य सचिव विजय कांत ठाकुर का कहना है कि आंदोलन को सरकार लाठी के बल पर दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब तक सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री उपलब्ध नहीं हो जाती है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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