विस चुनाव: मप्र में खेल बनाने और बिगाड़ने को तैयार हैं 1,300 निर्दलीय
भोपाल, 22 नवंबर (आईएएनएस)। खंडित जनादेश में निर्दलीय प्रतिनिधियों की पूछ बेतहाशा बढ़ जाती है। इसी बात को बखूबी ध्यान में रखकर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 1,300 से अधिक निर्दलीय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
सिर्फ निर्दलीय ही नहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती और भारतीय जन शक्ति (भाजश) की नेता उमा भारती भी राज्य में राजनीतिक गणित को बनाने और बिगाड़ने की नीयत से ही चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं।
राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर के मुताबिक पूरी संभावना है कि इस बार मध्यप्रदेश में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा।
ऐसे में राज्य के दो प्रमुख राजनीतिक दलों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के लिए मुश्किलें ज्यादा हैं। निर्दलीय जिस भी पार्टी की तरफ हो गए, सत्ता उसी के हाथ में चली जाएगी।
राज्य में वर्ष 1969 में सरकार के गठन में निर्दलियों ने अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 1962 में राज्य में 39 निर्दलीय चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। वर्ष 1990 के बाद निर्दलीय विधायकों की संख्या में कमी आई।
इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों 228 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बसपा सभी 230 सीटों पर और भाजश 215 पर चुनाव लड़ रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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