बाजारों में तरलता की जरूरत पर नजर रखेगी उच्चस्तरीय समिति
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को दुनिया भर की पूंजी बाजार में आए तूफान की वजह से घरेलू वित्तीय प्रणाली को निष्प्रभावी बनाए रखने के लिए तरलता की जरूरत के अध्ययन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
सरकार मान चुकी है कि प्रमुख समस्या तरलता की उपलब्धता की है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आज नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को घटाकर 7.5 प्रतिशत किए जाने से यह तथ्य स्पष्ट हो गया है। लेकिन चिदंबरम का कहना कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद अब भी मजबूत बनी हुई है।
वित्त सचिव अरुण रामनाथन ने आज नई दिल्ली में चिदंबरम का बयान पढ़ते हुए कहा, "व्यापार के लिए ऋण की उपलब्धता बेहद जरूरी होता है, इसलिए महत्वपूर्ण यह है कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में ऋण का सतत प्रवाह होता रहे।"
रामनाथन, चिदंबरम द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पूंजी बाजार पर पैनी निगाह रखे हुए है और बाजार में ऋण का प्रवाह बनाए रखने के लिए तमाम उपाय किए जाएंगे।
रामनाथन ने संवाददाताओं से कहा, "हम सतर्क हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। आरबीआई की स्थिति पर पैनी निगाह है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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