भारतीय अर्थव्यवस्था संकट को झेलने में सक्षम : चिदंबरम (लीड-1)
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका सहित प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आए वित्तीय संकट की समीक्षा किए जाने के बाद बुधवार को सरकार ने कहा कि देश की अर्थव्यस्था इस संकट को झेलने में सक्षम है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक अतिरिक्त बैठक में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने वरिष्ठ मंत्रियों को ताजा वैश्विक हालात के बारे में बताया।
बैठक में स्वीकार किए गए दो पृष्ठों के बयान को पढ़ते हुए चिदंबरम ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका और यूरोप के कई देश वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "इस संकट का भारत सहित दुनिया के अन्य देशों पर भी असर देखा जा रहा है। अमेरिका और यूरोप की सरकारों ने वित्तीय स्थिति में स्थिरिता लाने के कई मजबूत कदम उठाए हैं। हम आशा करते हैं कि उनकी कोशिशें सफल होंगी।"
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास की दर 7.9 फीसदी रही। वर्तमान रूझानों के आधार वित्त वर्ष में जीडीपी दर आठ फीसदी के करीब रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि कई ऐसी चीजें हैं जो देश की मूलभूत मजबूती को दर्शाती है। अप्रैल से अगस्त के बीच डालर में निर्यात में 35.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि आयात में 37.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कई क्षेत्रों ने शानदार प्रदर्शन किया है। भारी मात्रा में निवेश पाइपलाइन में है।
मंत्रिमंडल के बयान में कहा गया है, "हम इस बात से अवगत हैं कि पिछले कुछ सप्ताहों में देश में तरलता का संकट गहराया है। हमारी संस्थाओं ने इस दिशा में कदम उठाया है। बाजार में तरलता बढ़ाने के भारतीय रिजर्व बैंक ने कदम उठाए हैं। हम स्थिति पर ध्यानपूर्वक और लगातार नजर रखेंगे और बाजार की जरूरत के हिसाब से तुरंत कदम उठाएंगे। अधिक तरलता के लिए कदम उठाए जाएंगे।"
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए चिदंबरम ने कहा, "देश की अर्थव्यवस्था की जड़ मजबूत है। हम किसी भी स्थिति में शीघ्रता से कदम उठाने के लिए तैयार हैं।"
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों से संपर्क में है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।