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अमरनाथ विवाद : समिति वार्ता को तैयार, जम्मू में कर्फ्यू लागू (राउंडअप)

By Staff
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जम्मू/ श्रीनगर, 20 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड से भूमि वापस लिए जाने के विरोध में किया जा रहा प्रदर्शन मंगलवार को एक बार फिर हिंसक हो उठा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और जमकर नारे लगाए। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की। हिंसक झड़प में एक दर्जन पुलिसकर्मियों सहित 40 लोग घायल हो गए। इसे देखते हुए प्रशासन ने जम्मू में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।

इस बीच श्रीअमरनाथ संघर्ष समिति मंगलवार की देर रात राज्यपाल एन. एन. वोहरा द्वारा गठित पैनल के साथ वार्ता को तैयार हो गई है। लेकिन समिति ने जम्मू बंद 25 अगस्त जारी रखने का फैसला किया है।

अमरनाथ भूमि विवाद जम्मू में शांत नहीं हुआ है और जेल भरो आंदोलन के दूसरे दिन मंगलवार को हजारों महिलाओं ने गिरफ्तारी दी।

कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायर भी किए।

जम्मू के सभी हिस्सों में महिलाओं ने सैंकड़ों के जत्थों में गिरफ्तारियां दीं। पक्का डांगा और गांधी नगर पुलिस स्टेशनों में महिलाएं जबरन दाखिल हो गईं, जबकि वहां तैनात कर्मी उनके सामने बेबस दिखे।

तालियां बजाती और जयकारे लगाती इन महिलाओं ने कहा कि जब तक श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन लौटा नहीं दी जाती, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगी।

सोमवार को हजारों पुरूषों ने गिरफ्तारियां दी थीं। सरकारी अनुमान के मुताबिक 75 हजार लोगों ने गिरफ्तारियां दी, जबकि श्री अमरनाथ यात्रा संघर्ष संघर्ष समिति ने यह संख्या तीन लाख बताई है।

उधर श्रीनगर में पुलिस गोलीबारी के विरोध में पिछले आठ दिनों से जारी बंद समाप्त होने के बाद मंगलवार को यहां जनजीवन सामान्य रहा। स्कूल, दुकानें और कार्यालय आम दिनों की तरह ही खुले।

सोमवार को हजारों लोगों द्वारा अलगावादी नारों के साथ सड़क पर प्रदर्शन के एक दिन बाद बच्चों और किशोरों को स्कूल-कालेज जाते देखा गया।

शैक्षणिक संस्थान पिछले 20 दिनों से गर्मियों की छुट्टियों की वजह से बंद थे। उन्हीं दिनों बंद और हिंसक घटनाएं भी हुईं। मंगलवार को घाटी में बाजार, सरकारी कार्यालय, बैंक और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी खुले।

लाल चौक के एक अनाज विक्रेता मौलवी सुल्तान शाह ने कहा, "मैं कई दिनों के बाद अपनी दुकान खोल रहा हूं। हम डरे हुए हैं कहीं हमारा राशन खत्म न हो जाए।"

इस दौरान पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं। जबकि अधिकांश पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल अथवा डीजल उपलब्ध ही नहीं था।

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राज्यमार्ग के माध्यम से राज्य में जरूरी चीजों की आपूर्ति बहाल कर दी गई है और सोमवार को पेट्रोलियम पदार्थो समेत विभिन्न जरूरी सामानों से भरे 372 ट्रक श्रीनगर रवाना किए गए।

इन ट्रकों में से 19 में भेंड़ें, 146 में चावल और 46 में मुर्गियां जबकि 72 टैंकरों में डीजल, 24 में केरोसिन ऑयल, 41 में पेट्रोल और 24 में घरेलू गैस लदी थी।

कश्मीर से जो ट्रक बाहर निकले, उनमें से 446 में ताजे फल, 32 में सब्जियां लदी थीं।

गौरतलब है कि गत 11 अगस्त को कश्मीर घाटी में हुई गोलीबारी में एक हुर्रियत नेता समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। ये लोग कश्मीर घाटी में आर्थिक नाकेबंदी के विरोध में मार्च कर रहे थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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