अल्जाइमर्स की हर्बल चिकित्सा का दावा
लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय वनस्पति शोध संस्थान (एनबीआरआई) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी हर्बल (जड़ी बूटियों से बनी) टॉनिक विकसित करने का दावा किया है जो अल्जाइमर्स (भूलने की बीमारी) में लाभदायक होगी।
लखनऊ, 11 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय वनस्पति शोध संस्थान (एनबीआरआई) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी हर्बल (जड़ी बूटियों से बनी) टॉनिक विकसित करने का दावा किया है जो अल्जाइमर्स (भूलने की बीमारी) में लाभदायक होगी।
चूहों पर इस दवा के सफल प्रयोग से उत्साहित संस्थान ने अमेरिका स्थित पेटेंट कार्यालय में इसके पेटेंट के लिए दावा किया है।
एनबीआरआई के एक औषधि विज्ञानी और इस विषय पर शोध कर रही टीम के सदस्य सी.वी.राव ने आईएएनएस को बताया, "हमारा यह हर्बल फार्मूला याददाश्त बढ़ाने में मदद करेगा और इस तरह यह अल्जाइमर्स का इलाज करने में सहायक होगा।"
राव ने बताया कि यह शोध योगेंद्र कुमार गुप्ता के नेतृत्व में किया गया और पेटेंट के आवेदन के लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस टॉनिक में कई पौधों के अल्कोहल युक्त सत्व का प्रयोग किया गया है।
राव ने बताया, "इस दवा में टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (गुडुची), सेंटेल्ला एसियाटिका, विथानिया सोम्नीफेरा, मुकुना प्रुरिऐंस, सिरकुमा लोंगा (हल्दी) आदि का प्रयोग किया गया है।"
शोधकर्ता ने बताया, "मस्तिष्क के इलाज में इस्तेमाल होने वाली अन्य दवाओं से इतर यह हर्बल टॉनिक मस्तिष्क के रक्तसंचार अवरोधों को दूर करता है और मस्तिष्क और तंत्रिकाओं के बीच संचार को कायम करता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।