बहिष्कार से घट सकती है चैंपियंस ट्राफी की रौनक
सिडनी, 25 जुलाई (आईएएनएस)। कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के बहिष्कार के कारण सितंबर में पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्राफी क्रिकेट प्रतियोगिता की रौनक घट सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की कार्यकारिणी ने गुरुवार को इस प्रतियोगिता का आयोजन पाकिस्तान में ही कराने का फैसला सुनाया, लेकिन सुरक्षा की गारंटी न होने के कारण कुछ प्रमुख देशों के कई खिलाड़ी प्रतियोगिता का बहिष्कार कर सकते हैं।
सालों से आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के हितों के लिए लड़ता आ रहा आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर संघ पाकिस्तान में खेलने के खिलाफ है। संघ के अध्यक्ष पॉल मार्श कहते हैं, "हम अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान में खेलने की छूट नहीं दे सकते। इसमें जबरदस्त खतरा है। हम आशा करते हैं कि क्रिकेट आस्ट्रेलिया भी कुछ ऐसा ही कदम उठाएगा।"
आस्ट्रेलिया के समाचार पत्र 'द आस्ट्रेलियन' के अनुसार आस्ट्रेलिया के हरफनमौला क्रिकेटर एंड्रयू सायमंड्स अभी भी पाकिस्तान जाने की गारंटी नहीं दे रहे हैं। आईसीसी के ताजातरीन फैसले के बाद सायमंड्स ने कहा, "वहां जाने को लेकर मेरा विचार नहीं बदला है। हम खेलने के लिए अपनी जान को खतरे में नहीं डाल सकते।"
उधर, न्यूजीलैंड क्रिकेटर संघ ने भी अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान नहीं जाने की सलाह दी है। इसे लेकर तनाव बढ़ गया है। क्रिकेट न्यूजीलैंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जल्द ही संघ के अध्यक्ष हीथ मिल्स से मिलने वाले हैं।
आईसीसी के फैसले के बाद हीथ ने कहा, "यह खराब फैसला है। हम खिलाड़ियों की जान खतरे में नहीं डाल सकते। हम उन्हें पाकिस्तान जाने की सलाह नहीं देंगे।"
कुछ इसी तरह का बयान इंग्लैंड क्रिकेटर संघ के प्रमुख सीन मौरिस की तरफ से भी आया है। उन्होंने कहा, "आईसीसी के फैसले को लेकर हमारी चिंता और बढ़ गई है। पाकिस्तान सरकार प्रतियोगिता के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करेगी, लेकिन इसके बावजूद हम पाकिस्तान जाने का खतरा नहीं मोल सकते। वहां स्थिति कभी भी नियंत्रण के बाहर हो सकती है।"
अब जबकि इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के क्रिकेटर संघों ने अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान जाने से मना कर दिया है, पहले से ही इस प्रतियोगिता का बहिष्कार करने की धमकी दे रहे साइमंड्स जैसे खिलाड़ियों का हौसला काफी हद तक तक बढ़ गया है।
खिलाड़ियों की जिद से हालांकि इन देशों के क्रिकेट बोर्डो को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि पाकिस्तान नहीं जाने की सूरत में उन्हें एक करोड़ डालर जुर्माना भरना पड़ेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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