भारतीय एमबीए छात्र चीनी भाषा से लाभान्वित हो सकते हैं: मैनेजमेंट गुरू
अशोक ईश्वरन
अशोक ईश्वरन
शिकागो, 1 जुलाई(आईएएनएस)। भारतीय मूल के जाने-माने प्रबंधन गुरू बाला वी़ बालाचंद्रन का मानना है कि मैनेजमेंट के छात्रों को दूसरे देशों की संस्कृति की जानकारी दी जानी चाहिए। वह छात्रों को चीनी भाषा पढ़ाए जाने पर जोर देते हैं।
बालाचंद्रन के नाम से अमेरिका के बेहद प्रतिष्ठित केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में एक अध्ययन पीठ है।
इलिनॉयस स्थित केलॉग स्कूल से 35 वषों के बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे बालाचंद्रन ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा,"आज प्रबंधन के छात्रों को यह समझ लेना होगा कि दुनिया विश्व ग्राम के रूप में तब्दील हो गया है, जहां एक-दूसरे की संस्कृति के बारे में जानना बेहद जरूरी है।"
चेन्नई में उनके द्वारा स्थापित द ग्रेट लेक इंस्टीट्यूट का नारा है - ग्लोबल माइंडसेट, इंडियन रूट्स। वह बताते हैं कि देश में यही एकमात्र ऐसा मैनेजमेंट संस्थान है, जहां चीनी भाषा की पढ़ाई होती है। इस संस्थान में चीनी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है। उनका मानना है कि भारतीय छात्र चीनी भाषा की बेहतर जानकारी हासिल करके ही चीन के तेज आर्थिक विकास का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भाषाई समस्या के कारण ही अधिकांश अमेरिकी एक्जीक्यूटिव लंबे समय तक चीन में नहीं ठहर पाते हैं। चीनी भाषा के ज्ञान से लैस भारतीय उनका उपयुक्त विकल्प बन सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।