दिल्ली के लोग हनुमान के नाम पर कराते हैं बंदरों को भोजन
नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद दिल्लीवासी भगवान हनुमान का स्मरण करते हुए सार्वजनिक स्थलों पर बंदरों को भोजन कराते आ रहे हैं, जबकि इसे रोकने के लिए नगरीय निकाय कई प्रयास कर चुके हैं।
नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद दिल्लीवासी भगवान हनुमान का स्मरण करते हुए सार्वजनिक स्थलों पर बंदरों को भोजन कराते आ रहे हैं, जबकि इसे रोकने के लिए नगरीय निकाय कई प्रयास कर चुके हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने कनॉट प्लेस और यमुना बाजार स्थित हनुमान मंदिरों में खाद्य पदार्थो के लिए एक विशेष बक्सा लगा रखा है, जहां श्रद्धालु जानवरों के लिए खाद्य सामग्री जमा कर सकते हैं।
नगरीय निकायों का कहना है कि लोग खाद्य पदार्थो को यहां जमा करने की बजाय बंदरों को स्वयं भोजन कराना उचित समझते हैं, जबकि कई श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि निगम ने ऐसे किसी बक्से का इंतजाम किया है।
एमसीडी के प्रवक्ता दीप माथुर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हम लोग देखते हैं कि सैकड़ों लोग सार्वजनिक स्थलों पर बंदरों को भोजन कराते हैं। ऐसी स्थिति में खाद्य पदार्थो को संग्रह करने का जो अभियान शुरू किया गया है वह सफल नहीं हो सकता है।"
उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में लोगों की धार्मिक भावना एक बड़ी चुनौती खड़ी करती है।
उल्लेखनीय है कि बहुत से हिंदू हनुमान को शक्ति और भक्ति का प्रतीक मानते हैं और बंदरों को भोजन कराकर यह महसूस करते हैं कि वह भगवान की सेवा कर रहे हैं।
कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर के प्रमुख पुजारी लालू महाराज ने कहा, "लोग बंदरों को स्वयं भोजन कराना चाहते हैं। ये बातें लोगों की धार्मिक भावना से जुड़ी हैं।"
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष बंदरों ने राजधानी में करीब 25 लोगों को घायल कर दिया था जबकि बंदरों के आक्रमण से बचने के प्रयास में अपनी छत से गिरकर नगर निगम के एक अधिकारी की मौत भी हो गई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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