खाद्य संकट से निपटने के लिए वैश्विक प्रयास जरूरी : बशर (लीड-3)
नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने खाद्य संकट की समस्या से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर आपसी सहयोग की वकालत की है। उन्होंने कहा कि सीरिया को उभरते हुए भारत से बहुत उम्मीदें हैं।
पांच दिवसीय यात्रा पर आए बशर ने भारत की तीन सबसे बड़े वाणिज्य मंडलों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, "वैश्विकरण ने यह साबित कर दिया है कि वार्ताओं, आपसी सहयोग और विश्व स्तर पर साझेदारी के बिना ऊर्जा एवं पर्यावरण संकट, खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमतें और महामारी की चुनौती से कोई भी देश अकेले दम पर नहीं निपट सकता।"
बुनियादी ढांचे के विकास में भारत की मदद जरूरी :-
बशर अल-असद ने बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में भारत से बड़े स्तर पर आर्थिक सहयोग की मांग की।
देश के व्यापार जगत की प्रमुख हस्तियों को संबोधित करते हुए बशर ने बुनियादी ढांचे के विकास और ऊर्जा उत्पादन समेत तमाम प्रमुख क्षेत्रों में संयुक्त उपक्रम एवं अन्य सहयोग के लिए काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, "मैं सीरिया में बुनियादी ढांचा, ऊर्जा उत्पादन, खनिज प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और प्रशिक्षण जैसे तमाम क्षेत्रों में संयुक्त उद्यम के लिए अवसर तलाशने के लिए आप लोगों को आमंत्रित करता हूं।"
भारत के साथ व्यापक और गहरे आर्थिक संबंधों की अपील करते हुए बशर ने कहा , "मुझे पूरा भरोसा है कि आज के सम्मेलन के बाद आप सभी कंपनियों के लिए अवसर के नए दरवाजे खुलेंगे, व्यापार का विस्तार होगा और समृद्धि बढ़ेगी।"
भारत-सीरिया के बीच तीन आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर :-
भारत और सीरिया ने आज तीन आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते दोहरे कराधान से बचने, द्विपक्षीय निवेश और कृषि एवं इससे संबंधित क्षेत्रों में सहयोग के लिए हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने आज हैदराबाद हाउस में लगभग एक घंटे की चर्चा के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल स्तर पर औपचारिक बातचीत भी हुई।
इससे पहले आज सुबह बशर अल असद का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में भव्य स्वागत किया गया। पिछले 30 वर्षो के दौरान भारत की यात्रा पर आए वे सीरिया के पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं। उनके पिता हफीज अल असद ने 1978 में भारत की यात्रा की थी।
बशर अपनी पत्नी, चार मंत्रियों और एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ मंगलवार की शाम भारत पहुंचे। सलामी गारद की निगरानी के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, "चर्चा करने के लिए हमारे पास कई मुद्दे हैं। उभरते हुए भारत से हमें बहुत उम्मीदें हैं।"
उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाना और खासकर दूरसंचार के क्षेत्र में और ज्यादा सहयोग चाहते हैं।
स्वागत समारोह के बाद बशर महात्मा गांधी के स्मारक पर गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस बीच विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी बशर से मुलाकात की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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