वित्त मंत्री ने की युवा व छोटे उद्यमियों को अधिक ऋण की वकालत
बंगलौर, 16 जून (आईएएनएस)। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों को सलाह दी है कि वे युवा, छोटे व मझोले उद्यमियों को अधिक से अधिक ऋण दे ताकि आर्थिक विकास को तेजी मिले, रोजगार व संपन्नता के मौके बढ़े और निर्यात को बढ़ावा मिले।
यहां एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने कहा, "बैंकों को रूढ़िवादी सोच से उबरना चाहिए और छोटे व मझोले उद्यमियों (एसएमई) को क्रेडिट गारंटी के साथ ऋण देने के मामले में आगे आना चाहिए। यदि उद्यमी जोखिम उठाने को तैयार हैं तो बैंकों को भी इसके लिए तैयार रहना चाहिए।"
लघु व छोटे उद्यमियों के लिए ऋण गारंटी ट्रस्ट निधि के तहत एक लाख वें क्रेडिट गारंटी अनुमोदित करते हुए चिदंबरम ने कहा एसएमई सेक्टर के उद्यमियों को दिए जाने वाले संस्थागत ऋण की सीमा को बढ़ाने के लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ा था।
उन्होंने कहा, "उत्पादकता और निर्यात के साथ रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में कृषि क्षेत्र के बाद एसएमई सेक्टर अर्थव्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह क्षेत्र का योगदान देश के कुल निर्यात में 40 फीसदी है। कई कारणों से यह क्षेत्र उपेक्षित रहा।"
चिदंबरम ने कहा, "देश के युवाओं में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहा है। बड़ी संख्या में ये युवा जोखिम उठाने को तैयार हैं। इसके लिए उन्हें ऋण की जरूरत है। बैंकों को उन्हें ऋण देने के लिए आगे आने की जरूरत है।"
उन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों को यह सलाह भी दी कि वे एसएमई को दिए जाने वाले ऋण की राशि बढ़ाए।
चिदंबरम ने इस मौके पर कहा, "हम ऋण गारंटी निधि के संग्रह को 26.5 अरब रुपये करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि बैंक इन उद्यमियों को अधिक से ऋण दे सके। बैंकों को कम से कम दस लाख छोटे व मझोले उद्यमियों के ऋण की सीमा एक लाख से पांच लाख और फिर 10 लाख रुपये तक बढ़ाना चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।