क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

राजा का बसेरा नहीं, अब संग्रहालय है नारायणहित (लीड-1)

By Staff
Google Oneindia News

काठमांडू, 15 जून (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री गिरिजाप्रसाद कोइराला ने रविवार को एक संक्षिप्त लेकिन भावुक समारोह में देश के ऊथल-पुथल भरे इतिहास का साक्षी रहे नारायणहिती राजभवन में संग्रहालय का उद्घाटन किया।

काठमांडू, 15 जून (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री गिरिजाप्रसाद कोइराला ने रविवार को एक संक्षिप्त लेकिन भावुक समारोह में देश के ऊथल-पुथल भरे इतिहास का साक्षी रहे नारायणहिती राजभवन में संग्रहालय का उद्घाटन किया।

नेपाल में वर्षो तक सत्ता का केंद्र और राजपरिवार का आशियाना होने के साथ- साथ पूर्व नरेश वीरेंद्र विक्रम के पूरे परिवार के खात्मे की दहला देने वाली घटना का गवाह रहे नारायणहिती महल के मुख्य द्वार पर कोइराला ने तीन राष्ट्रीय ध्वज फहराए और 'नारायणहिती दरबार संग्रहालय' बोर्ड का अनावरण किया।

कोइराला ने इस मौके पर कहा, "ऐसा युगों में एक बार आता है। खूनखराबे के बिना राजशाही की जगह गणराज्य की स्थापना करने पर नेपाल पर दुनिया भर की निगाह है। उन्होंने कहा कि यह जनता का ध्वज है। यह कभी ना झुके और हम कभी समर्पण नहीं करें।"

नेपाल को गणराज्य घोषित किए जाने और आखिरी नरेश ज्ञानेंद्र के महल छोड़ने के महज चार दिन बाद ही अब इसे संग्रहालय घोषित कर दिया गया।

पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र अपनी पत्नी कोमल के साथ गत 11 जून को अपना मुकुट, सिंहासन आदि सरकार के हाथ सौंप इस महल से चले गए थे। सत्तारूढ़ दलों को अब राजमहल में मौजूद बहुमूल्य वस्तुओं और ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेजों की सूचियां तैयार करने और संरक्षण का बंदोबस्त का महत्वपूर्ण दायित्व निभाना होगा।

नेपाल के राष्ट्रीय पुस्तकालय ने सरकार से यहां राष्ट्रीय पुरातत्व विभाग बनाने और पर्यटन मंत्रालय ने इसे पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र के रूप में विकसित करने अनुरोध किया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X